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बेलगाम ओवरलोडिंग, मध्यप्रदेश के सिंडीकेट के आगे अधिकारी नतमस्तक, सरकार का भी डर नहीं..

Banda : Complicity on RTO-Mineral Department, officials bowing down before overload syndicate of MP

समरनीति न्यूज, बांदा : मध्यप्रदेश के बालू खनन के ओवरलोड ट्रकों को चलवाने वाले माफियाओं के सिंडीकेट के आगे अधिकारी नतमस्तक नजर आ रहे हैं। आरटीओ विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से पूरे सरकारी सिस्टम का सिंडीकेट के माफिया मजाक सा उड़ा रहे हैं। हाल यह है कि इनको सरकार की सख्ती का भी डर नहीं है। सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश के इस सिंडीकेट के आगे बांदा के आरटीओ विभाग के कुछ अधिकारी पूरी तरह से नतमस्तक हैं। सैकड़ों गाड़ियों रोज निकल रही हैं, लेकिन आरटीओ विभाग का कहना है कि कम ही गाड़ियां हैं। कार्रवाई करेंगे।

मध्यप्रदेश के सिंडीकेट में बांदा के लोग कड़ी

मध्यप्रदेश के इस सिंडीकेट में बांदा के कुछ लोग बड़े स्तर पर सक्रिय हैं, जो अधिकारियों और माफियाओं के बीच मजबूत कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं।

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सूत्र बताते हैं कि राजनीतिक संरक्षण में आरटीओ विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से मध्यप्रदेश की ओवरलोड बालू लदे ट्रक-डंपर बे-रोकटोक गुजर रहे हैं। पिछली सरकारों वाला इंट्री का खेल शुरू है।

बांदा RTO विभाग के कुछ अफसरों पर उठ रहीं ऊंगलियां

दरअसल, बरसात के चलते बांदा और आसपास यूपी के जिलों की बालू खदानें बंद हो चुकी हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश की खदानों से बालू खनन की गाड़ियां बांदा के रास्ते प्रदेशभर में पहुंच रही हैं। बांदा में एंट्री के लिए इन बालू गाड़ियां का एक ही रास्ता है। वह रास्ता मटौंध क्षेत्र के गौरिहार से होकर जाता है। दूसरा रास्ता गिरवां क्षेत्र में भी है, लेकिन वहां पुल कमजोर होने के कारण बंद कर दिया गया है।

बांदा के रास्ते यूपी में पहुंच रहीं ओवरलोड गाड़ियां

सूत्र बताते हैं कि बालू लदे ये ट्रक आरटीओ विभाग और खनिज विभाग की मिलीभगत से निकल रहे हैं। इसके अलावा इन्हें जिले के एक बड़े नेता का भी संरक्षण प्राप्त है।

क्या कहते हैं आरटीओ विभाग के अधिकारी, पढ़िए..

उधर, बांदा के आरटीओ अनिल कुमार का कहना है कि ओवरलोडिंग के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। हो सकता है कि कुछ ओवरलोड गाड़ियां निकल रहीं हों, उनपर एक्शन लिया जाएगा। आपको बताते चलें कि बांदा आरटीओ विभाग पर पहले से ही काफी गंभीर आरोप लगते रहे हैं।

बिना राजनीतिक संरक्षण के संभव नहीं बड़ा खेल

अधिकारी कितनी भी सफाई दें, लेकिन बिना राजनीतिक संरक्षण और अधिकारियों की मिलीभगत के इन ट्रकों का निकलना संभव ही नहीं है। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री की सख्ती के बावजूद बांदा में ओवरलोडिंग का क्या खेल चल रहा है। क्या अधिकारियों को सरकारी की सख्ती का भी डर नहीं है? ऐसे सवाल लोगों के जहन में उठ रहे हैं।

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