मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो : बांदा समेत पूरे बुंदेलखंड के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। यहां करो़ड़ों की लागत से बड़ा डेयरी प्लांट लगने जा रहा है। स्थानीय लोगों के लिए यह बड़ी उपलब्धि होगी। पशु पालकों के साथ-साथ आम लोगों को काफी सुख-सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही उनका जीवनस्तर सुधरेगा। दरअसल, बुंदेलखंड विकास निधि से बांदा में पीसीडीएफ द्वारा लगने वाले पराग के इस डेयरी प्लांट की लागत 55 करोड़ 98 लाख के आसपास है। यह ड्रीम प्रोजेक्ट से कम नहीं।
दूध उत्पादकों की मिलेंगी उचित कीमतें, रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी
प्लांट लगने बाद बांदा-बुंदेलखंड के दूध उत्पादकों को उचित कीमतें मिल सकेंगी। साथ ही दूध उत्पादन को बढ़ावा भी मिलेगा। आम लोगों को बड़ा फायदा यह होगा कि उन्हें दूध उत्पादों के लिए किसी एक कंपनी की निर्भरता से छुटकारा मिलेगा। सबसे बड़ी रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बताया..
दरअसल, पराग के एमडी एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस प्लांट के प्रस्ताव को नीति आयोग की इंपारमेंट कमेटी से स्वीकृति मिल चुकी है। अब आगे की प्रक्रिया जारी है। बहुत जल्द इसपर काम शुरू होने वाला है। बताते चलें कि आईएएस आनंद कुमार सिंह बांदा के जिलाधिकारी रह चुके हैं।
यहां की समस्याओं को जानते और समझते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्लांट को कंप्लीट करने के लिए 30 जून 2025 तक का समय सुनिश्चित है। इसमें करीब 2 साल लग जाते हैं। इस दिशा में तेजी से प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
नरैनी रोड पर राजा देवी कालेज के पास लगेगा डेयरी प्लांट
यह प्लांट नरैनी रोड पर स्थित राजादेवी डिग्री कालेज के पास लगाया जा रहा है। इसके लिए जमीन उपलब्धता की भी कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस डेयरी प्लांट से बांदा और आसपास के जिलों के लोगों को भी काफी फायदा होगा। दरअसल, यह डेयरी प्लांट पीसीडीएफ द्वारा पराग ब्रांड के नाम से लगाया जा रहा है। दूध उत्पादों के लिए पराग पहले से ही जाना-पहचाना नाम है।
प्लांट लगने के बाद दूध उत्पादकों को उचित मूल्य मिलने के साथ आम लोग एक कंपनी या व्यक्ति पर दूध के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बताया कि इस प्लांट की क्षमता 20 हजार लीटर प्रतिदिन होगी।
महिला समूहों के जरिए मार्केटिंग कराने की है तैयारी
एमडी पराग श्री सिंह का कहना है कि प्लांट तैयार होने के बाद योजना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पराग दूध की उपलब्धता के लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को मार्केटिंग एजेंट के रूप में जोड़ा जाए।
घर-घर पहुंचेगा दूध, महिला समूहों की सुधरेगी स्थिति
इससे ग्रामीण इलाकों में घर-घर दूध पहुंचेगा और दूसरी ओर महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। बांदा क्षेत्र में नया प्लांट रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा। उधर, झांसी में पहले से संचालित प्लांट की क्षमता बढ़ाई जा रही है। आईएएस आनंद कुमार सिंह ने बताया कि झांसी में चलने वाले ब्राउन फील्ड डेयरी प्लांट की क्षमता अभी 10 हजार लीटर प्रतिदिन है। इसे बढ़ाकर 30 हजार लीटर प्रतिदिन किया जा रहा है। इससे आसपास के क्षेत्रों के पशुपालकों को फायदा होगा। साथ ही दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
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