
इंसानियत ! कार में बैठे संभ्रांत व्यक्ति की सड़क पर घिसटते लावारिश से जुड़ी मानवीय संवेदनाओं ने तोड़ी बंदिशें
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समरनीति न्यूज, ब्यूरो : कुछ लोग इंसानियत की ऐसी मिसाल कायम कर देते हैं, जो न सिर्फ दूसरों को प्रेरणा दे जाती है, बल्कि हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देती है। आज के दौर में जब लोगों के पास अपनों के लिए वक्त नहीं, ऐसे वक्त में भी कुछ लोग आज भी हैं जो अनजाने बेसहारों के लिए बहुत कुछ कर गुजरते हैं। बांदा की बड़ी शख्सियत और जामा मस्जिद के मुतवल्ली शेख सादी जमां ने एक ऐसी ही मिसाल कायम की। उनके एक नेक काम ने मानवीय संवेदनाओं को नए ढंग से परिभाषित करने का काम किया। साबित कर दिया कि कुछ अच्छा करने के लिए खास मौकों की जरूरत नहीं होती, बल्कि दिल में जज्बात होने चाहिए, बस।
दर्द को अनदेखा कर गुजरती रहीं गाड़ियां
दरअसल, गुरुवार को बांदा के रहने वाले शेख सादी जमां अपने परिवार के साथ कार से लखनऊ जा रहे थे। उनकी कार बांदा और चिल्ला के बीच दौड़ रही थी। इसी बीच रास्ते में अतरहट गांव में ठीक मोड़ पर बीच सड़...