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दिल छू लेने वाली खबर : देश में पहली बार नाबालिग बेटी ने पिता को दिया लीवर, कोर्ट ने बदला नियम-अस्पताल ने फीस छोड़ी

Heart touching news : For first time in country, minor daughter gave liver to father, court changed rules–hospital waived fees

समरनीति न्यूज, डेस्क : कहा जाता है कि माता-पिता से बढ़कर दुनिया में कोई नहीं होता। एक 17 साल की बेटी ने यह बात सच भी साबित कर दिखाई। इस बेटी ने अपनी जान की परवाह नहीं की, अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना लीवर पिता को दे दिया। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली बेटी देवनंदा ने अपने पिता को लिवर डोनेट करके एक नई मिसाल कायम कर दी। इसके बाद देवनंदा देश की सबसे कम उम्र में लीवर डोनेट करने वाली बन गई हैं।

हाईकोर्ट तक लड़ी बेटी ने लड़ाई

दरअसल, देवनंदा के पिता प्रतीश लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनके ठीक होने के लिए सिर्फ लिवर ट्रांसप्लांट ही एक रास्ता बचा था। डोनर भी मिल गया, लेकिन दिक्कत थी कि उसकी उम्र 18 साल से कम थी। नियम है कि 18 साल से कम उम्र के लोग लीवर डोनेट नहीं कर सकते हैं। देवनंदा ने अपने पिता को बचाने में पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने केरल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

डाक्टरों ने भी जज्बे को सराहा

अदालत ने देवनंदा को विशेष राहत देते हुए इसकी अनुमति दी। कोर्ट की रजामंदी के बाद देवनंदा ने 9 फरवरी को अपने पिता प्रतीश को लिवर का एक हिस्सा डोनेट कर उनकी जान बचा ली। नाबालिग बेटी के इस जज्बे को देखर अस्पताल ने भी सर्जरी का पूरा बिल माफ कर दिया।

बेटी ने बचाई पिता की जान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देवनंदा का परिवार केरल के त्रिशूर में रहता है। उनकी उनकी बहन की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हुई। पिता प्रतीश का लीवर खराब होना शुरू हो गया। वजन अचानक से 20 किलो बढ़ गया और पैरों में दर्द और सूजन आ गई। काफी जांच के बाद पता चला कि लीवर खराब हो चुका है और अब उसे बदलकर ही जान बच सकेगी।

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