मनोज सिंह शुमाली, बांदा : ‘बालू बालू किंग मल्होत्रा’, यह वो नाम है कि जिसके आगे यूपी के बुंदेलखंड के अधिकारियों की स्थिति घुटनों पर खड़े होने वाली है। मध्य प्रदेश के इस बालू माफिया का रुतबा बुंदेलखंड में खूब चर्चा में है। हाल यह है कि अधिकारी मध्य प्रदेश बार्डर पर न तो कभी उधर से आने वाले बालू खनन के ओवरलोड को रोकने जाते हैं और न ही पकड़ने। मध्य प्रदेश का यह बालू किंग ‘मल्होत्रा’ सरनेम वाला वो माफिया है जिसका सिस्टम उसके गुर्गे बांदा समेत आसपास के जिलों में चलाते हैं। यह बालू किंग अपने रुतबे के दम पर यूपी-एमपी बार्डर पर न सिर्फ जमकर खनन करा रहा है, बल्कि धड़ल्ले से एमपी से खनन की गाड़ियों की यूपी में एंट्री भी करा रहा है।
यूपी सरकार को करोड़ों का चूना लगा रहा माफिया
बिना टैक्स और रायल्टी चुकाए एमपी से बालू लादकर सैकड़ों ट्रक-डंपर उत्तर प्रदेश में एंट्री कर रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लग रहा है। बालू किंग मल्होत्रा के एक इशारे पर सैंकड़ों-हजारों गाड़ियां बेरोक-टोक बांदा, महोबा, हमीरपुर और चित्रकूट जिलों से यूपी में एंट्री करती हैं।
खनिज विभाग के अधिकारियों पर उठते सवाल
आरटीओ विभाग और खनिज विभाग के अधिकारियों के अलावा सीमावर्ती थानों की पुलिस भी सबकुछ जानती है, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं कि इन गाड़ियों को रोक सके। बीते दिनों बांदा के आरटीओ ने कहा था कि बांदा मटौंध की ओर से एमपी के ट्रक एंट्री करते हैं। उन्होंने कहा था कि इन ट्रकों के खिलाफ एक्शन लिया जाता है।
ASP सस्पेंड, कोतवाल पर मुकदमा, फिर भी चालू
बांदा में करीब 3 साल पहले तैनात रहे तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र चौहान को इसी मामले में निलंबित किया गया था। इसके अलावा कई थानेदारों के तबादले हो चुके हैं।
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एक तत्कालीन इंस्पेक्टर बलजीत समेत तीन पुलिस कर्मियों पर कुछ दिन पहले ही इसी मामले में बांदा कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। इतना कुछ होने के बावजूद बालू किंग मल्होत्रा का सिस्टम चलता आ रहा है। सवाल उठता है क्या मध्य प्रदेश का यह बालू किंग यूपी के सरकारी सिस्टम पर भारी पड़ रहा है?
क्या स्थानीय नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा..
सवाल उठता है कि क्या बालू माफिया का यह काला धंधा स्थानीय नेताओं के संरक्षण में फल-फूल रहा है क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं है।
यही वजह है कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि नेताओं के संरक्षण में ही अधिकारियों की मिलीभगत शामिल हो। उनकी शह पर यह पूरा खेल चल रहा हो।
क्या कहते हैं खनिज और RTO विभाग के अफसर
आरटीओ और खनिज विभाग के अधिकारियों से इस बारे में बात की गई। आरटीओ अनिल कुमार का कहनाहै कि हाल में कई गाड़ियों को पकड़ा गया है। पकड़ी गई गाड़ियों में एमपी से आने वाली गाड़ियां भी शामिल थी। उधर, जिला खनिज अधिकारी अर्जुन कुमार से बात करने का प्रयास किया। लेकिन हमेशा की तरह उनकी फोन रिसिव नहीं है। बताते चलें कि जिले के खनिज विभाग पर तरह-तरह के आरोप लग रहे हैं। बीते दो-तीन साल में तीन खनिज अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। इसके बाद वजूद अवैध खनन का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
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