समरनीति न्यूज, बांदा : मध्य प्रदेश के बालू खनन के ओवरलोड ट्रकों की बांदा के रास्ते यूपी में एंट्री जारी है। कुछ दिन पहले एडीजी जोन भानु भास्कर ने बैरियर लगाकर एमपी के वाहनों के चेकिंग के निर्देश दिए थे। एडीजी का आना ही अपने आप में बड़ी बात हो जाती है, लेकिन ऐसा लगता है कि इसका असर नहीं पड़ा। यूपी मेंएमपी के अवैध बालू खनन वाले ओवरलोड ट्रकों की एंट्री नई बात नहीं है। यह सिलसिला कई वर्षों से जारी है।
इंस्पेक्टर बलजीत सिंह समेत 3 पर हुई FIR..
अभी कुछ ही दिन पहले बांदा जिले के गिरवां थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर बलजीत सिंह समेत 3 के खिलाफ इसी मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई है। इंस्पेक्टर समेत सभी पर मध्य प्रदेश के अवैध खनन वाले बालू ट्रकों की अवैध रूप से यूपी एंट्री कराने का आरोप है। इतना कुछ होने के बावजूद सूत्रों का कहना है कि अब भी मध्य प्रदेश के अवैध खनन के बालू लदे ओवरलोड ट्रकों की धड़ल्ले से एंट्री जारी है।
गिरवां-मटौंध और कालिंजर से ट्रकों की एंट्री
सवाल यह है कि इतनी कार्रवाइयों के बावजूद असली माफिया कैसे बच जाते हैं। एमपी के ओवरलोड ट्रकों की एंट्री क्यों नहीं रुक रही। आरटीओ विभाग और खनिज विभाग की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं हो रहीं।
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उच्चाधिकारियों ने कई बार बालू लदे अवैध ट्रकों पर रोक लगाने के निर्देश दिए। इसके बावजूद गिरवां, मटौंध और कालिंजर, नरैनी के रास्ते मध्य प्रदेश की बालू खनन के ट्रक यूपी से निकल रहे हैं।
जब आरटीओ को किया फोन तो मिला यह जबाव
बताया जाता है कि मध्य प्रदेश के बालू माफियाओं का सिंडीकेट इस कदर बांदा में हावी है कि इसपर रोक लगना संभव नहीं हो पा रहा है। बड़े अधिकारी कदम उठाते हैं, लेकिन खनिज और आरटीओ विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत से रोक नहीं लग पाती है। आरटीओ अनिल कुमार से इस बारे में बात की गई। उन्होंने कहा कि गिरवां और मटौंध की ओर से बालू की गाड़ियां आती हैं और उनके खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है। हालांकि, हाल-फिलहाल में हुई कार्रवाई के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जताई है।
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