समरनीति न्यूज, कानपुर देहात : कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में सोमवार को जो हुआ, वह रौंगटे खड़े कर देने वाला था। वहां ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटवाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने ही झोपड़ी में मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। उनको बचाने के प्रयास में गृहस्वामी और रुरा थाने के इंस्पेक्टर भी झुलस गए हैं। उधर, मौके पर आक्रोशित लोगों का आरोप है कि आग लगाई गई है।
ग्रामीणों का गुस्सा भड़का
गुस्साई भीड़ ने हंगामा किया और कुल्हाड़ी से लेखपाल पर हमला करते हुए अधिकारियों को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख अधिकारी वहां से भागे। मामले में एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। देर रात तक शव नहीँ उठने दिया गया। मंडलायुक्त और आईजी के अलावा डीएम लोगों को समझाने में लगे रहे।
यह है पूरा घटनाक्रम
दरअसल, सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के लोगों ने ग्राम समाज की जमीन पर कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का है। डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। दोपहर 3 बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। बताते हैं कि राज्सव विभाग की टीम ने बुल्डोजर से कब्जा हटवाने का प्रयास किया। तभी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लगने से उनकी पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) आग की लपटों में घिर गईं। उन्हें बचाने में कृष्ण गोपाल और रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम भी झुलस गए।
लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला
मां-बेटे के जिंदा जलने से गुस्साए ग्रामीणों ने हंगामा शुरू करते हुए लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला किया। अधिकारी वाहन छोड़कर वहां से भागे। ग्रामीणों ने दोनों शवों को नहीं उठने दिया। बाद में मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम नेहा जैन और एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने लोगों को समझाकर शांत किया।
SDM समेत 10 पर मुकदमा
कार्रवाई का भरोसा दिलाया। मामले में एसडीएम, इंस्पेक्टर, तहसीलदार समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखा गया है। उधर, जिलाधिकारी नेहा जैन ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि कृष्ण गोपाल का ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा था। गांव के लोगों की शिकायत पर एसडीएम को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। अधिकारी कब्जा हटवाने गए। इसी बीच मां-बेटी वहां बनी झोपड़ी के भीतर गईं और खुद को आग लगा ली। झोपड़ी जलते देख रुरा इंस्पेक्टर व कृष्ण गोपाल ने दोनों को बचाने का प्रयास किया। दोनों झुलस गए। पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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