समरनीति न्यूज, बांदा : शहर के बहुचर्चित जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत के मामले में उनके पति दीपक सिंह गौर को अदालत ने हत्या के आरोपों से बरी कर दिया है। साक्ष्यों का अवलोकन करने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है। दरअसल, बीते साल 27 अप्रैल 2022 को जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। कोतवाली पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला था।
श्वेता के भाई ने अपने जीजा व उनके परिवार के लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखाया था। हालांकि, पुलिस विवेचना में दीपक के पिता रिटायर्ड डीआईजी राजबहादुर सिंह, सास और बड़े भाई आरोपों से बाहर हो गए थे। पति को पुलिस ने घटना के दो दिन बाद 29 अप्रैल 2022 गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था।
अब क्या कहते हैं दीपक
पत्नी की मौत के बाद हत्या के आरोपों में फंसे दीपक को अदालत ने बरी कर दिया है। इस मामले में उनसे बात की गई। उनका कहना है कि जो कुछ भी हुआ वह बेहद दुखद रहा। उनके लिए एक बुरे सपने जैसा है। अपनी जीवन साथी को खोने से बड़ा दुख उनके लिए कोई नहीं हो सकता। कहा कि अब तीन बेटियां हैं, इन बेटियों का अच्छा भविष्य बनाना ही उनका लक्ष्य है।
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