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सदन में अखिलेश यादव ने खूब दिखाई धार, मजबूत विपक्ष बनकर उभरे

Akhilesh Yadav showed a lot of edge in House, emerged as strong opposition

समरनीति न्यूज, ब्यूरो (लखनऊ) : नेता प्रतिपक्ष के रुप में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव में हमलावर नजर आ रहे हैं। अपने पिता की राहों पर चलते हुए अखिलेश यादव ऐसे पहले नेता प्रतिपक्ष हैं , जिनके पिता भी सीएम रहने के बाद नेता प्रतिपक्ष बने थे। बजट सत्र के दौरान नेता सदन योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच नोंक झोंक दिखी वहीं पहली बार नेता प्रतिपक्ष, सत्ताधारी दल के नेताओं पर भारी पड़ते नजर आए।

एक मजबूत विपक्ष का नजारा किया पेश

सदन में अखिलेश यादव की मौजूदगी एक मजबूत विपक्ष के नजारे को पेश कर रहा है। बजट सत्र में अखिलेश यादव पूरी तैयारी के साथ पहुंच रहे हैं, और इसका असर दिख रहा है कि सरकार के मंत्रियों को जवाब पर जवाब देना पड़ रहा है। अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना, नेहा सिंह राठौर को नोटिस दिए जाने, किसानों की आय दोगुनी करने के साथ ही विकास के मुद्दे पर सरकार को घेरा।

सरकार को कई मुद्दों पर घेरा, चुटकी भी लेते रहे

अखिलेश यादव ने सदन में कहा कि रिकार्ड गन्ना खरीद, एक लाख टन मक्का खरीद, पांच वर्ष में सत्तर लाख नौकरियां, नकल मुक्त परीक्षा, लैपटॉप और टेबलेट, हर जिले में मेडिकल कॉलेज, फ्री वाई फाई ये सब कहां है? उन्होंने चुटकी ली कि मैं करने के लिए नहीं बस याद दिला रहा हूं कि क्या कहा था।

पहले विधानपरिषद के जरिए पहुंचे थे सदन

इसके साथ ही नेता विपक्ष ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता के साथ जो किया गया है वो निंदनीय है। उन्होंने कहा कि जब मैं प्रयागराज जा रहा था, तब मुझे रोका गया था। दरअसल इस बार पूर्व सीएम अखिलेश यादव पहली बार मैनपुरी के करहल सीट से विधानसभा चुनाव लड़े और जीते। इससे पहले जब वे मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए थे, तब वे विधानपरिषद के जरिए सदन पहुंचे थे।

अखिलेश से पहले 5 पूर्व सीएम रह चुके नेता प्रतिपक्ष

अखिलेश आजमगढ़ संसदीय सीट से सांसद भी रहे हैं और विधानसभा चुनाव जीतने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। उन्हें सर्वसम्मति से एसपी विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य विधानसभा में एसपी सबसे बड़ी पार्टी है, लिहाजा उन्हें विपक्ष का नेता बनाया गया। अखिलेश यादव से पहले भी पांच पूर्व सीएम भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। विपक्ष के नता बनने वाले ये मुख्यमंत्री हैं चंद्रभानु गुप्ता, चौधरी चरण सिंह, नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव।

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