Sunday, April 28सही समय पर सच्ची खबर...

UP के बांदा में हावी एमपी का बालू सिंडीकेट, सरवई में कार्यालय बनाकर गुर्गे चला रहे सिस्टम

Overloading is undermining the credibility of government in Banda, illegal recovery from mines to roads
सांकेतिक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदा : उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सिंडीकेट की जड़े मिटा दी हों। लेकिन मध्यप्रदेश का एक बड़े बालू माफिया का सिंडीकेट यूपी के बुंदेलखंड के बांदा, हमीरपुर और आसपास के जिलों में गहरी जड़े जमाए है। इस कंपनी के कुछ गुर्गे बांदा जिले के सरकारी सिस्टम में गहरी पैठ बनाए हैं। मटौंध और गिरवां थाना क्षेत्रों से बालू की एमपी से यूपी में धड़ल्ले से सप्लाई करा रहे हैं। रात 12 बजे के बाद वाहनों का निकलना शुरू होता है।

सख्ती के बाद कुछ दिन बंद, फिर शुरू हो जाता खेल

बांदा प्रशासन की सख्ती के चलते कुछ दिन के लिए काम रोक दिया जाता है, फिर दोबारा वही काला धंधा शुरू हो जाता है। सूत्रों की माने तो एमपी सिंडीकेट के ये गुर्गे एमपी बार्डर के सरवई में अपना कार्यालय बनाकर पूरे सिस्टम को मैनेज कर रहे हैं। इनमें बांदा के नरैनी, गिरवां और कालिंजर के आसपास गांवों के कई लोग शामिल हैं। वाकयदा लोकेशन के लिए इनके लड़के बांदा बाइपास पर लगाए जाते हैं।

banda-labore-killed-in-suspicious-circumstances-during-illegal-mining-accused-of-murder
प्रतिकात्मक फोटो।

इनकी पकड़ इतनी जबरदस्त है कि आरटीओ विभाग से लेकर खनिज विभाग तक के कुछ अधिकारी और कर्मचारी तक ये सीधी बात रखते हैं। सूत्र बताते हैं कि कार्यालयों में धड़ल्ले से घुसते हैं।

ये भी पढ़ें : ‘समरनीति न्यूज’ की खबर का बड़ा असर : CM Yogi का आदेश- पूरे प्रदेश में जब्त होंगी अवैध कालोनियां, भू-माफियाओं पर और सख्त कानून

एमपी के छतरपुर, पन्ना जिलों से आने वाली हजारों टन बालू को बांदा के रास्ते यूपी में खपाया जाता है। यूपी सरकार को इससे भारी राजस्व की हानि हो रही है।

सिंडीकेट में यूपी-एमपी दोनों तरफ के लोग शामिल

दरअसल, सूत्र बताते हैं कि एमपी के इस सिंडीकेट के पीछे कई बड़ी हस्तियां हैं। इनमें मध्यप्रदेश की एक बड़ी कंपनी है और यूपी के भी सीमावर्ती क्षेत्रों के नेता और पहुंच वाले लोग शामिल हैं। यही वजह है कि बार्डर से जुड़ों जिलों में इनका पूरा रैकेट फैला है।

After all, who is this 'Habib', at whose behest thousands of overloaded truck-dumpers are entering unabated from Banda to UP everyday

कुछ इमानदार अधिकारी चाहकर भी इनपर लगाम नहीं कस पाते हैं। जानकार बताते हैं कि बांदा में बीच-बीच में टास्क फोर्स बनाकर प्रशासन ओवरलोडिंग के खिलाफ एक्शन लेता है। इसमें जो गाड़ियां पकड़ी जाती हैं, वे एमपी से ही आती हैं। सूत्र बताते हैं कि आरटीओ और खनिज की कार्रवाई का सिंडीकेट के गुर्गों को पहले ही पता चल जाता है, इसलिए काम रोक देते हैं। बाद में फिर से सैकड़ों गाड़ियों की आवाजाही शुरू करा देते हैं। ऐसे में प्रशासन के लिए एमपी के इस सिंडीकेट पर लगाम कसना टेढ़ी खीर साबित हो रही है।

ये भी पढ़ें : MP-राजस्थान समेत 5 राज्यों में चुनाव का ऐलान, 3 दिसंबर को आएंगे नतीजे