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बुंदेलखंड में इस बार बीजेपी के लिए आसान नहीं राह, प्रियंका की आमद और गठबंधन ने बिगाड़ा खेल..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह।

प्रीति सिंह, पॅालिटिकल डेस्कः भारतीय जनता पार्टी भले ही उत्तर प्रदेश में 74 पार का नारा बुलंद कर रही हो लेकिन उसके लिए यह राह आसान नहीं है। खासकर यूपी वाले बुुंदेलखंड में तो बीजेपी की राह 2014 जितनी आसान कतई नहीं दिखाई दे रही है। दरअसल, सपा-बसपा गठबंधन ने बीजेपी का सारा समीकरण बिगाड़ दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड में गठबंधन और कांग्रेस कड़ी चुनौती दे रही है।

गठबंधन और कांग्रेस की चुनौती कम नहीं 

बुंदेलखंड के परिप्रेक्ष्य में बात करें तो 2014 में चारों सीटों पर कब्जा करने वाली बीजेपी के लिए इस चुनाव में गठबंधन कड़ी चुनौती पेश कर रही है, तो वहीं कांग्रेस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रही है। 2014 के चुनाव में मोदी लहर में बुंदेलखंड के 4 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कुल 19,19,551 वोट मिले थे, जबकि सपा और बसपा (दोनों को मिलाकर) को 18,21,027 मत मिले थे। यानी भाजपा को सपा-बसपा के मुकाबले सिर्फ 98,488 वोट ही ज्यादा मिले थे। इससे साफ है कि इस बार सपा-बसपा का गठबंधन भाजपा के लिए खतरे की घंटी बन गया है। मालूम हो उत्तर प्रदेश के 7 जिलों चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, झांसी और ललितपुर का भूभाग बुंदेलखंड कहलाता है।

प्रियंका की वजह से बुंदेलखंड में तेज हुई कांग्रेस  

बुंदेलखंड में चार लोकसभा क्षेत्र आता है और 19 विधानसभा। बांदा, जालौन, हमीरपुर और झांसी लोकसभा सीट का चुनाव हमेशा रोचक रहा है। इन सभी सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस की भूमिका नगण्य थी। वह मैदान में तो थी लेकिन किसी को चुनौती पेश करने की स्थिति में नहीं थी। प्रियंका के राजनीति में आने के बाद से कांग्रेस में जान आ गयी है। प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने से कांग्रेस के पुराने कार्यकर्ता भी एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। वे कांग्रेस के उम्मीदवारों के लिए जोरशोर से कैंपेनिंग कर रहे हैं।

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कांग्रेस अपने पुराने वोट बैंक को फिर से साधने में जुट गई है। भाजपा खेमे में जा चुके दलितों में गैर जाटव और पिछड़ों में गैर यादव बिरादरी के वोटरों को अपने पाले में करने के लिए कांग्रेस जुटी हुई है। यदि इसमें कांग्रेस कामयाब होती है तो यहां त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है पिछले चुनावों के आंकड़ों पर गौर करें तो तस्वीर साफ दिखती है कि इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं होगी। 2014 के लोकसभा चुनाव में महोबा-हमीरपुर और तिंदवारी सीट पर भाजपा के पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को 4,52,929 मत मिले थे, जबकि सपा के विशंभर प्रसाद निषाद (राज्यसभा सदस्य) को 1,87,095 और बसपा को 1,76,360 मत मिले थे।

ऐसा था वोटों का गणित 

वहीं बांदा-चित्रकूट से भाजपा उम्मीदवार भैरों प्रसाद मिश्रा को 3,42,066 मत मिले थे, जबकि बसपा के आर.के. सिंह पटेल (अब भाजपा विधायक मानिकपुर) को 2,26,278 और सपा के बाल कुमार पटेल को 1,89,730 मत।

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इसी तरह उरई-जालौन सीट पर भाजपा के भानुप्रताप सिंह वर्मा को 5,48,631, बसपा के बृजलाल खाबरी को 2,61,429 व सपा के घनश्याम अनुरागी को 1,80,921 मत मिले थे तो झांसी-ललितपुर सीट पर भाजपा की उमा भारती को 5,75,889 मत, सपा के चंद्रपाल सिंह यादव को 3,85,422 और बसपा को 2,13,792 मत मिले थे। इस प्रकार सभी चार लोकसभा सीटों पर भाजपा को 19,19,515 व सपा और बसपा को 18,21,027 मत मिले थे। यानी इन दोनों दलों (सपा व बसपा) से भाजपा को 98,488 मत ज्यादा मिले थे। अबकी यदि गठबंधन अपने वोटरों को साधने में कामयाब होती है तो यहां की तस्वीर बदल सकती है।

बांदा-चित्रकूट 

बांदा में तो भाजपा को भाजपा के ही प्रत्याशी से चुनौती मिलेगी। सपा ने बांदा-चित्रकूट से इलाहाबाद के भाजपा सांसद श्यामाचरण गुप्त को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने बांदा-चित्रकूट से ददुआ के भाई व मिर्जापुर से सपा के पूर्व सांसद बालकुमार पटेल को टिकट दिया है। भाजपा ने आर.के.सिंह पटेल को मैदान में उतारा है। इस लोकसभा सीट पर चुनाव 6 मई को होगा।

उरई-जालौन

कांग्रेस ने उरई-जालौन में बसपा के पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी को चुनाव मैदान में उतारा है, तो वहीं बसपा ने अजय सिंह पंकज (जाटव) पर भरोसा जताया है। भाजपा ने इस सीट से सांसद भानु प्रताप वर्मा पर भरोसा जताते हुए फिर से टिकट दिया है। इस सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।

झांसी-ललितपुर

झांसी में बीजेपी ने अनुराग शर्मा को मैदान में उतारा है तो सपा ने झांसी-ललितपुर से श्यामसुंदर सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और जन अधिकार मंच (पार्टी) के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा के भाई शिवशरण सिंह कुशवाहा एड. (बांदा निवासी) को चुनावी समर में उतारा है। इस सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।

महोबा-हमीरपुर

इस सीट पर सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी है। सपा ने महोबा-हमीरपुर से ठाकुर दिलीप कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने महोबा-हमीरपुर-तिंदवारी से प्रीतम सिंह लोधी ‘किसान’ पर दांव लगाया है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद पर भरोसा जताते हुए इस सीट पर मौजूदा सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल को उतारा है। इस सीट पर 29 अप्रैल को मतदान होगा।

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