Wednesday, May 1सही समय पर सच्ची खबर...

Banda : प्रेम कहानी का दुखद अंत, ऐन वक्त पर प्रेमी ने किया शादी से इंकार, प्रेमिका ने दी जान

Fight with younger brother over wheat in Banda, sister hanged

समरनीति न्यूज, बांदा : पहले प्यार, फिर शादी का इकरार। इसके बाद दहेज की मांग और फिर शादी से साफ इंकार। इस तरह एक प्रेमी की बेवफाई से युवती पूरी तरह से टूट गई। उसने फांसी लगाकर जान दे दी। एक प्रेम कहानी के दुखद अंत की यह घटना बांदा जिले के पैलानी थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा लिखते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है।

नवरात्र में तय थी दोनों की शादी

जानकारी के अनुसार पैलानी थाना क्षेत्र के अमलोर गांव के मजरा कसिया डेरा के रहने वाले चंद्रपाल की बेटी फूल कुमारी (19) ने सोमवार दोपहर फांसी लगाकर जान दे दी। जिस समय घटना हुई, माता और पिता दोनों घर पर नहीं थे। छोटी बहन रीमा कुछ देर बाद घर लौटी तो बहन को फांसी पर लटकते हुए देखा। इसके बाद चीख-पुकार मच गई। पड़ोसी दीवार कूदकर कमरे के भीतर पहुंचे और अंदर से दरवाजा खोला। आनन-फानन में फंदा काटकर शव को नीचे उतारा गया। हालांकि, तबतक युवती की सांसें थम चुकी थीं।

ये भी पढ़ें : बांदा में 85 साल के वृद्ध ने 11 साल की बच्ची के साथ किया दुष्कर्म, FIR..  

मृतका के पिता का कहना है कि उनकी बेटी फूलकुमारी का पड़ोस के ही रोहित नामक के युवक से प्रेम प्रसंग था। 6 महीने पहले परिजनों को इसकी जानकारी हुई। बच्चों की खुशी देखते हुए शादी को राजी हो गए।

मृतका के पिता का यह आरोप

आने वाले नवरात्र में शादी होना तय था। रोहित नाम का यह आरोपी युवक सूरत में रहकर काम करता है। युवती के पिता का आरोप है कि युवक ने शादी से पहले 3 रुपए नगद और एक मोटर साइकिल दहेज में मांगने लगा।

ये भी पढ़ें : पापी पापा : बांदा में बेटियों से दबवाता पांव और करता है अश्लीलता, पत्नी ने पति पर लगाए गंभीर आरोप, रिपोर्ट

इसके लिए भी किसी तरह राजी हो गए। इसके बावजूद आरोपी युवक ने शादी से इंकार कर दिया। आहत होकर उनकी बेटी ने फांसी लगाकर जान दे दी। अब पुलिस ने पिता की तहरीर पर आरोपी समेत अन्य के खिलाफ रिपोर्ट लिखी है। उधर, पैलानी थानाध्यक्ष अनिल कुमार साहू का कहना है कि मामले में मृतका के पिता की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया है। मामले की जांच की जा रही है। दोषियों को जेल भेजा जाएगा।

‘हम मंत्री हैं यहां के ! बांदा में बीमार नर्स को कुर्सी से न उठना पड़ा भारी, संबद्धता गई-अब नौकरी जाने वाली..