सुभाष शुक्ला, न्यूज डेस्क : Banda Bachpan School : बचपन की खिलखिलाहट कभी भुलाई नहीं जा सकती। आज भी सभी के मन में अपने बचपन की यादें अस्मरणीय हैं। बचपन का घर, गलियां, यार-दोस्त और स्कूल और टीचर्स। सबसे जुड़ी धुंधली मीठी यादें जिंदगीभर हमारा पीछा करती हैं। यह ऐसे पल हैं जिन्हें कभी बिसराया नहीं जा सकता।
प्ले ग्रुप में यह नंबर-1 स्कूल
आज दौर भले ही बदल गया हो, लेकिन बच्चों की प्ले ग्रुप स्कूलिंग (Play Group School) को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। हर माता-पिता के मन में अपने लाडले को पहले दिन स्कूल भेजते समय तरह-तरह की चिंताएं रहती हैं।
ये खूबियां बनाती दूसरों से अलग
बात बांदा की करें तो यहां आपको अपने लाडले की फर्स्ट स्कूलिंग और केयरिंग की चिंता की जरूरत नहीं है। जी हां, बांदा का ‘बचपन स्कूल’ (Bachpan School) उन सभी कसौटियों पर खरा उतर रहा है जो एक अच्छे स्कूल के मानक को पूरा करती हैं। स्थानीय मैनेमेंट की खूबियां इसे दूसरों से अलग बनाती हैं। इसे प्ले ग्रुप में नंबर-1 स्कूल कहना गलत नहीं होगा।
Child Psychology की गहरी समझ
दरअसल, स्कूल की इंपोर्टेंस सिर्फ बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स और सजावट वाले रूम को लेकर नहीं समझी जा सकती। देखना यह होता है कि स्कूल का मैनेजमेंट कैसा है। टीचर्स खुद बच्चों के प्रति कितना केयरिंग हैं। साथ ही टीचर्स और मैनेजमेंट में चाइल्ड साइकोलाॅजी (Child Psychology) की कितनी समझ है।
हर क्लास और हर बच्चे पर नजर
बात अगर बांदा बचपन स्कूल की करें तो यहां मैनेमेंट-टीचर्स की स्कूल में एंट्री के साथ ही एक-एक बच्चे पर नजर रहती है। हर क्लास में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे हैं, जो लगातार एक जगह से वाॅच होते हैं। महिला टीचर्स इतनी परिपक्व हैं कि वो जानती हैं कि बच्चों को कैसे संभालना है। इस स्कूल की खूबी यह भी है कि बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दिए जाते हैं। बड़ों का आदर करना और उनके पैर छूने, जैसे सांस्कृति मूल्य भी सिखाए जाते हैं।
कल्चरल एक्टिविटी-गेम्स पर जोर
दूसरी ओर बच्चों के लिए कल्चरल एक्टिविटी और गेम्स क्लासेस भी लगातार कराई जाती हैं। सबकुछ इतने खुशनुमा और केयरिंग माहौल में होता है कि मस्ती-मस्ती में बच्चे कितना कुछ सीख जाते हैं, पता ही नहीं चलता। बच्चों को आउटिंग भी कराई जाती है। शहर के पार्कों के अलावा महानगरों का टूर भी कराया जाता है। शायद यही सब खूबियां हैं जिनके चलते यह स्कूल सफलता के नए आयाम छू रहा है।
‘अभी और बेहतर करने की है कोशिश..’
स्कूल की प्रबंधक प्रभा यादव का कहना है कि उनकी लगातार कोशिश रहती है कि बच्चों को मजेदार गेम्स खिलाकर सामाजिक-भावनात्मक रूप से शिक्षित किया जाए। घर से स्कूल आने पर बच्चे नए वातावरण में आते हैं, ऐसे में हमारी कोशिश होती है कि उनका हर तरह से ख्याल रखा जाए। हमारे प्रयास दिन प्रति दिन रंग ला रहे हैं। फिर भी हम और बेहतर करने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं।
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