समरनीति न्यूज, चित्रकूटः जिले में जब भी किसी राजनैतिक पार्टी का मुखिया आता है कि तो छोटे-बड़े सभी नेताओं की यह दिली चाह होती है कि अपने नेता को अपना चेहरा दिखा सकें, उससे मिल सकें। या फिर मंच पर उनके साथ खड़े होकर स्थानी शासन-प्रशासन और जनता में रौब जमा सकें। अगर यह भी नहीं कर सकें तो कम से कम पार्टी का मुखिया उनकी शहर में लगी बड़ी-बड़ी होर्डिंग्स या फोटो ही देख लें। दुर्भाग्यवश चित्रकूट में रविवार को आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अधिकतर स्थानीय भाजपा किसी स्तर से संपर्क नहीं जोड़ सके।
तीन दिन से उत्साह में थे छोटे-बड़े नेता
दरअसल, मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर चित्रकूट के भाजपा नेताओं में खासा उत्साह रहा। दो-तीन दिन पहले से भाजपाइयों ने खुद को बेहदर ढंग से प्रदर्शित करने की तैयारी कर ली थी। स्थानीय छोटे-बड़े नेताओं ने अपने होर्डिंग व पोस्टरों से तीर्थनगरी को बिल्कुल पाट सा दिया था, लेकिन शनिवार शाम से माहौल बिल्कुल बदल सा गया।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा आईं उच्च नेताओं की होर्डिंग्स लगाने के लिए स्थानीय नेताओं की होर्डिंग्स भी हटानी पड़ीं। तीर्थनगरी में सिर्फ गृहमंत्री व मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य मंत्री लोक निर्माण विभाग चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय और पूर्व ब्लाक प्रमुख जय प्रकाश पांडेय की तस्वीरें नजर आईं।
मंच तक पहुंचे नहीं, होर्डिंग्स भी हटीं
मुख्यमंत्री को चेहरा दिखाने की होड़ में लगे ज्यादातर भाजपाइयों को उस वक्त बड़ी मायूसी हाथ लगी, जब सुरक्षा कारणों के चलते उनको न तो मंच तक जाने दिया गया और न ही हेलीपैड तक। एक ओर कार्ड न होने के कारण दिव्यांग विवि में उनको घुसने नहीं दिया गया तो वहीं पुलिस को भी मजबूरन दूर करना पड़ा। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनाथ जायसवाल ने आरोप लगाया है कि विवि प्रशासन ने भाजपा नेताओं को आमंत्रित करने का जिम्मा एक गैर भाजपाई व्यक्ति को दिया। उक्त व्यक्ति ने जिलाध्यक्ष के अलावा किसी को कार्ड दिया ही नहीं। कहा कि पार्टी के काफी लोग अपने प्रिय मुख्यमंत्री का कार्यक्रम देखने से वंचित रह गए।
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