स्मिता रिछारिया, चित्रकूटः दिव्यांग विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूकुल शिक्षा पद्वति सर्वश्रेष्ठ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय इस पद्धति का पालन करते तो उच्च शिक्षण संस्थाओं में अराजकता जैसे हालात नहीं बनते। उन्होंने कहा कि राम मंदिर को लेकर महाराज जी (जगद्गुरु रामभद्राचार्या) की चिंता समाप्त हो चुकी है, कहा कि अब हम उनकी दूसरी चिंता यानि केंद्रीय दिव्यांग विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में सार्थक पहल करेंगे। कहा कि दिव्यांगजन कल्याण विभाग के साथ जोड़कर हर साल कुछ न कुछ सहयोग प्रदेश सरकार द्वारा होगा। मुख्यमंत्री ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य को उप्र हिंदी संस्थान द्वारा दो लाख की राशि के साथ हिंदी साहित्यभूषण की उपाधि देते हुए सम्मानित किया।
चित्रकूट दिव्यांग विश्वविद्यालय अष्टम दीक्षांत समारोह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में 500 वर्षों बाद भव्य राम मंदिर निर्माण संतों के तप और संघर्ष तथा उनकी साधना के चलते संभव हो सका है। इस मौके पर विवि के कुलाधिपति जगद्गुरू रामभद्राचार्य ने कहा कि उनके महेश्वर तो दिव्यांग हैं। अपने जीवन की पूरी कमाई करीब 500 करोड़ दिव्यांगों की शिक्षा की दिशा में खर्च की है। उन्होंने कहा कि जब हमारे विश्वविद्यालय का दिव्यांग युवा पूर्णतः रोजगार हासिल करता है तो बहुत ही खुशी होती है। इस दौरान गुजरात सूरत से यहां आए कनु भाई टेलर को डीलिट् व एम्स के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. शिव कुमार चैधरी को डीएससी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा मनीष झा को एमएड व प्रमिला सिंह को बीसीए में सर्वाधिक अंक लाने पर कुलाधिपति द्वारा स्वर्ण पदक दिया गया। इसके अलावा जीतेंद्र, फूल कुमार, सुनील, कामता, अनुराध गुप्ता आदि युवाओं को भी पदक दिए गए।
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