समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच कई अहम मुद्दों पर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। दिल्ली में पोस्ट हुए अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े मसले को छोड़कर सुप्रीम कोर्ट ने अन्य 5 मुद्दों पर फैसला साफ कर दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है और दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय है।
कहा, दुर्भाग्यपूर्ण है फैसला
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। यह दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय है। हम कोर्ट का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसला अन्यायपूर्ण है। अगर चुनी हुई सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार नहीं दिया जाएगा, तो सरकार चलेगी कैसे…?
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इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अगर हर फाइल के लिए एलजी के घर पर धरना देना पड़ा, तो कैसे चल पाएगी दिल्ली सरकार। सुप्रीम कोर्ट का फैसला न सिर्फ दिल्ली की जनता के खिलाफ, बल्कि संविधान के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमें अनशन करके दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इंसाफ के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ रहा है।
जनता से मांगा सहयोग
उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने उपराज्यपाल के घर में बैठकर 10 दिन तक अनशन किया, फिर भी कोई फैसला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एक चपरासी को भी दिल्ली का मुख्यमंत्री ट्रांसफर नहीं कर सकता।
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मुख्यमंत्री के पास अगर एक चपरासी तक को ट्रांसफर करने की ताकत नहीं है तो मुख्यमंत्री कैसे काम करेगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिल्ली की जनता से अपील करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह दिल्ली की सभी 7 सीट आम आदमी पार्टी को दें, ताकि हम संसद में दबाव बना सकें और दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए हम पूरी लड़ाई लड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोर्ट की इज्जत करते हैं, लेकिन ये फैसला दिल्ली वालों के साथ अन्याय है। हम लोग 4 साल से ये सब भुगत रहे हैं।