समरनीति न्यूज, डेस्क : सपा सरकार में वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक बालू खनन में हुई बड़े घपले की जांच में सीबीआई जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इससे जुड़े लोगों के दिलों की धड़कनें भी बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई की 3 सदस्यीय टीम घंटों संबंधित दस्तावेजों की फाइलें खंगाली। फतेहपुर के खनिज कार्यालय में करीब 24 पत्रालियों को खंगालने जुटी सीबीआई टीम ने दो चर्चित व्यक्तियों को डाक बंगले में बुलाकर उनसे पूछताछ भी की। बताते हैं कि सीबीआई ने उनका पक्ष जाना। उधर, सीबीआई की जांच से बालू माफियाओं से लेकर बड़े रसूखदार लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। फतेहपुर से लेकर पूरे बुंदेलखंड में सीबीआई जांच को लेकर चर्चाएं हैं।
फतेहपुर में डेरा डाले है सीबीआई टीम
बताया जाता है कि सीबीआई टीम अगले कुछ दिन रुककर जांच करती रहेगी। खास बात यह है कि जांच के दायरे में बांदा के एक पूर्व विधायक भी हैं। दरअसल, सीबीआई जांच के मामले में बताया जाता है कि यमुना नदी के कोर्रा दो कोर्रा-5 और गुरवल मौरंग भूखंड के पट्टों का आवंटन खनिज नियमों को ताक पर रखकर किया गया था।
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इसके बाद बिना शासन के निर्देशों के पट्टों का नवीनीकरण भी कर दिया गया था। उस वक्त ई-टेंडर प्रणाली लागू हो चुकी थी। बताते चलें कि वर्ष 2019 में सीबीआई ने पट्टाधारक शिव सिंह व सुखराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उस वक्त तत्कालानी डीएम अभय सिंह बुलंदशहर के डीएम थे। सीबीआई ने उनके घर पर भी छापेमारी की थी। दरअसल, 3 अवैध पट्टों की सीबीआई जांच में बांदा के पूर्व विधायक समेत कुल 30 लोग दायरे में हैं।
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