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घोटाले से निकला जिम : क्या बांदा हार्पर क्लब की सरकारी बिल्डिंग को किराये पर देने की होगी जांच?

Scam in Banda Harper Club

समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा का प्रतिष्ठित हार्पर क्लब आजकल दूसरे कारणों से चर्चा में है। बिना टेंडर के हार्पर क्लब की सरकारी बिल्डिंग में कई साल से अवैध रूप से किराय पर जिम चल रहा है। बीते 7-8 साल में इसका लाखों रुपए का किराया लिया जा चुका है। यह रकम सरकारी खाते में जमा नहीं हुई। कहां गई, कैसे खर्च की गई। इसका कोई जवाब नहीं है। हालांकि, हार्पर क्लब एक सरकारी संस्था है, जिसके अध्यक्ष बांदा जिलाधिकारी हैं। हमने पदेन अध्यक्ष और क्लब के सचिव दोनों से बात की।

नियमों को ताक पर रख काम कर रहे कुछ लोग

जिम के लिए परिसर को पार्किंग की तरह यूज किया जा रहा है। जिम का ताना-बाना एक या दो कमरे नहीं, बल्कि कई हिस्सों तक फैला हुआ है। पार्किंग भी इसी का हिस्सा है।

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क्लब के कुछ सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 2016-17 से चल रहे इस जिम का लाखों रुपए का किराया क्लब के ही कुछ लोग अपनी जेबों में रख रहे हैं। इसे सरकारी धन का गबन कहा जाए तो अतिशियोक्ति नहीं होगी।

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नगर मजिस्ट्रेट संदीप केला।

इन सदस्यों ने यह भी कहा कि हार्पर क्लब को कुछ लोग बपौती बनाकर चल रहे हैं। इसका बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते 8-9 वर्षों से संस्था की एजीएम की न तो मीटिंग कराई गई, न ही 2016 में हुई मीटिंग के सुझावों को लागू किया गया।

चंद लोग धूमिल कर रहे क्लब की प्रतिष्ठा

इतना ही नहीं कोरोना संकट की आड़ लेकर 4-5 साल तक नए सचिव का चुनाव ही नहीं कराया गया। इस दौरान पुलिस ने वहां छापा मारकर जुआरियों पर कार्रवाई भी की। इसकी शहर कोतवाली में FIR दर्ज हुई।

Banda administration take action

तत्कालीन डीएम अमित बंसल और सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र सिंह ने कार्रवाई की थी। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि हार्पर क्लब में ही एक दूसरे मामले में लाखों रुपए के उपकरणों की बिना टेंडर खरीद की गई। हालांकि, इसका जिक्र अगली खबर में करेंगे।

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फिलहाल, जिम की बात करें तो यह भी काफी स्तब्ध करने वाली बात है कि अधिकारियों के नाक तले इतना सबकुछ हो रहा है और अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि जल्द ही जांच शुरू हो सकती है।

सिटी मजिस्ट्रेट ने कही यह बात

इस मामले में क्लब के पदेन अध्यक्ष सिटी मजिस्ट्रेट संदीप केला से बात की। उन्होंने कहा कि वह हाल ही में स्थानांतरित होकर बांदा आए हैं। हार्पर क्लब में क्या चल रहा है। उन्हें जानकारी नहीं है। अगर किराय पर जिम चलवाया जा रहा है तो जांच कराकर कार्रवाई होगी।

क्लब के सचिव ने कहीं ये बातें

उधर, क्लब के सचिव मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि हार्पर क्लब में जिम उनके कार्यकाल से पहले से चल रहा है। 2016-17 में जिम किराय पर दिया गया था। कहा कि जिम किराये पर देने का प्रस्ताव डीएम से स्वीकृत कराया होगा। कहा कि जिम के किराय से ही क्लब का खर्च चलता है। किराया 30 हजार रुपए माह है। यह भी कहा कि एजीएम की मीटिंग चुनाव बाद होगी।

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