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UP : महोबा में BJP नेता जहर खाकर पहुंचा अधिकारियों के पास-मचा हड़कंप, यह है पूरा मामला..

BJP leader consumed poison in Mahoba

समरनीति न्यूज, बांदा/महोबा : सरकार योजनाओं के जरिए युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में स्वरोजगार ऋण पर जोर दे रही है, लेकिन बैंकिंग सिस्टम की जटिलताएं सरकारी मंशा पर पानी फेर रही हैं। महोबा में स्वरोजगार के लिए बार-बार प्रयास के बावजूद ऋण न मिलने से परेशान बीजेपी नेता ने जहर खा लिया। इसके बाद अधिकारियों के पास पहुंचकर इसकी जानकारी दी। आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। वहां हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। युवक भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का कोषाध्यक्ष बताया जा रहा है। जहर खाने की घटना सदर तहसील परिसर में हुई। इससे वहां हड़कंप मच गया।

यह है पूरा मामला, पीड़ित ने कहा..

महोबा के श्रीनगर थाना क्षेत्र के ननौरा गांव के राजकुमार पटेल भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का कोषाध्यक्ष हैं। उन्होंने स्वरोजगार स्थापित करने को दुग्ध उत्पादन चुना। इसके लिए ऋण स्वीकृति को इंडियन बैंक शाखा श्रीनगर में 3 माह पहले आवेदन किया। बार-बार प्रयास के बावजूद बैंक से ऋण स्वीकृत नहीं हुआ। इसकी शिकायत पीड़ित ने एलडीएम से की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। भाजपा पदाधिकारी ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को शिकायत भेजी।

डिप्टी सीएम तक पहुंचा था मामला

बताते हैं कि भाजपा पदाधिकारी ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को शिकायतीपत्र भेजा था। डिप्टी सीएम ने 18 अगस्त को डीएम महोबा को मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

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इसके बाद भी कोई हल नहीं निकला। भाजपा नेता आज शनिवार दोपहर करीब 12 बजे सदर तहसील पहुंचा। उन्होंने एसडीएम जितेंद्र कुमार को पूरा मामला बताते हुए जहर खाने की जानकारी दी। हालत बिगड़ने पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल पहुंचाया। एसडीएम भी अस्पताल पहुंचे और शिकायतकर्ता का हालचाल लिया।

बैंक मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप

भाजपा नेता का आरोप है कि बैंक मैनेजर सुविधा शुल्क मांग रहा है। उधर, श्रीनगर के इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक ने सुविधा शुल्क मांगने के आरोपों को गलत बताया है। एसडीएम ने बताया कि युवक ने जहर खाने की बता बताई। इसके बाद उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। अब उसकी हालत ठीक है। वहीं जिलाधिकारी मृदुल चौधरी का कहना है कि 10 दिन पहले शिकायतकर्ता कलेक्ट्रेट आया था। अतिरिक्त एसडीएम राजकुमार को शिकायती पत्र दिया था। इसपर एलडीएम से रिपोर्ट मांगी गई थी। सिविल स्कोर खराब होने के चलते ऋण स्वीकृत नहीं होने की जानकारी मिली थी। उन्होंने कहा कि फिर भी मामले की जांच कराई जा रही है।

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