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बांदा में ठंड की बयार पर भारी पड़ा कुमार विश्वास का खुमार, सुनने के लिए उमड़ी हजारों की भीड़

कुमार विश्वास के साथ मंच पर रमेश अवस्थी व अन्य लोग।

समरनीति न्यूज, बाँदाः “मैं तुझसे दूर कैसा हूँ, तू मुझसे दूर कैसी है, ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है”  प्रेम की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करने वाली यह लाइन जब फिजाओ में गूंजीं तो बुंदेलखंड के युवाओं और कवि डॉक्टर कुमार विश्वास के बीच की सभी दूरियां मिट गईं। ऋषि बामदेव की तपोस्थली बाँदा में सजे बड़े मंच में कुमार विश्वास की कविताओं का नशा लोगों के सिर चढ़कर बोला।

“कोई दीवाना कहता ” पर झूमे श्रोता 

पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या के मौके पर आयोजित काव्यांजलि में वाणी के विश्वास, कविता के कुमार यानी कुमार विशवास ने ऐसा शमां बांधा कि हर कोई उसमें डूब सा गया।

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सदस्य हिंदी राजभाषा सलाहकार समिति भारत सरकार रमेश अवस्थी की ओर से आयोजित काव्यांजलि में कड़कड़ाती सर्दी का सितम भी इस आयोजन के आगे बौना साबित हुआ। या कहिये कि ठंड की ठिठुरन पर कुमार विश्वास का खुमार भारी पड़ा।

कुमार विश्वास को बांदा की फेमस मिठाई भेंट करते इंदु गुप्ता।

भीड़ से गदगद कुमार बोले हर वर्ष हो ऐसा आयोजन 

मंच से उनकी कविताओं की फुहार और खचाखच भरे जीआईसी मैदान से श्रोताओं की तालियां माहौल को खुशनुमा बना रही थीं। बताया जाता है कि श्री अवस्थी की के प्रयासों से यह आयोजन संभव हो सका। कार्यक्रम का लोगों ने खूब आनंद लिया। उनकी हर बात दर्शको को हंसाती रही।

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डॉक्टर कुमार विश्वास ने अपने सुप्रसिद्ध गीत सुनाए तो आयोजक रमेश अवस्थी से इस आयोजन को हर वर्ष कराने का भी आग्रह किया। इसके बाद मौजूद कवियों को आयोजक रमेश अवस्थी, सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, जिलाध्यक्ष लवलेश सिंह और सचिन अवस्थी ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया ।

कुमार विश्वास को सुनने के लिए उमड़ी भीड़।

बड़ी संख्या में मौजूद रहे लोग 

इस मौके पर श्री अवस्थी ने कहा कि हिंदी हमारे माथे की बिंदी है और कवि सम्मेलनों से हिंदी को पूरे देश मे बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐतहासिक भूमि बुंदेलखंड को व्यापार में तरक्की, किसानों को उनका हक और युवाओं को रोजगार दिलाना उनका मकसद है। इस मौके पर अमित सेठ भोलू, इंदु गुप्ता, संजय गुप्ता, भुवनेंद्र रावत तथा प्रशांत शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।