समरनीति न्यूज, बांदा : बाल विकास परियोजना विभाग द्वारा संचालित सरकार की बालिका श्री योजना में बड़ा घपला सामने आया है। बालिकाओं के कुछ 397 NSC बॉन्ड बांदा में सरकारी कार्यालय से गायब हैं। कहा जा रहा है कि दो बॉन्ड का डाक विभाग से भुगतान भी कर लिया गया है। प्रकरण के सामने आने के बाद बांदा डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने पूरे प्रकरण की जांच को एक कमेटी गठित की है।
2005 सरकारी की बालिका श्री योजना से बने थे बॉन्ड
जानकारी के अनुसार वर्ष 2005 में सरकार की बालिका श्री योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत निर्धन परिवारों में जन्मी बेटियों के नाम 800 रुपए की एफडी हुई थी। बच्चियों के 18 साल पूरे होने पर यह रुपए उन्हें आगे की शिक्षा को दिए जाते। बताते हैं कि बांदा जिले में लगभग 2 हजार से ज्यादा बच्चियों के नाम एफडी हुई थी।
ये भी पढ़ें : UP Politics : सपा में एक और इस्तीफा, मौर्य के बाद महासचिव शेरवानी ने भी छोड़ी पार्टी
बॉन्ड ब्लाक स्तर पर सीडीपीओ कार्यालयों में रखवाए गए थे, ताकि बेटियों के बालिग होने पर उन्हें दिए जा सके। चर्चा है कि कई ब्लाकों में बाबुओं ने डाक विभाग की मिलीभगत से बॉन्ड का भुगतान करा लिया। इतना ही नहीं बेटियों के अभिभावकों के मांगने पर उन्हें झूठ बोलकर टरकाते रहे। 6 दिसंबर को पैलानी निवासी कामता ने डीएम से शिकायत की। कहा कि वह बॉन्ड लेने परियोजना कार्यालय तिंदवारी गए, तो उनकी बहन और गांव की अन्य बच्चियों के बॉन्ड गायब मिले।
एसडीएम सदर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित
डीएम ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने एसडीएम सदर की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। समिति में मुख्य कोषाधिकारी विनोद बाबू और जिला कार्यक्रम अधिकारी एनके पांडेय को भी रखा गया है। एसडीएम सदर रजत वर्मा का कहना है कि बालिका श्री योजना के बॉन्ड गायब होने के मामले की जांच शुरू हुई है। डाकघर तिंदवारी शाखा से श्री बालिका योजना से संबंधित अभिलेख मांगे गए हैं।
ये भी पढ़ें : Breaking : बांदा में दर्दनाक हादसे, होमगार्ड समेत 3 लोगों की मौत