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बुंदेलखंडः हथेली पर जान लेकर भविष्य के सपने बुन रहे नौनिहाल

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मानिकपुर पाठा इलाके में प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय गोबरही में पढ़ने को नदी पार करके स्कूल जाते बच्चे।

समरनीति न्यूज, बांदाः बुंदेलखंड में सरकारी स्कूलों और शिक्षा के स्तर की बदहाली किसी से छिपी नहीं है। भले ही सरकारी स्तर पर दावे कुछ भी किए जाएं। लेकिन हकीकत बड़ी काफी कष्टदाई है। खासकर चित्रकूट जिले के मानिकपुर पाठा इलाके में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों की। डकैतों के डर से वैसे ही स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की आमद (आफ-द-रिकार्ड) न के बराबर रहती है। वहीं बरसात में हालात और भी बदतर हो गए हैं। बच्चों के स्कूल पहुंचने के लिए संघर्ष का एक मामला प्रकाश में आया है।

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दरअसल, चित्रकूट जिले के मानिकपुर पाठा इलाके के प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक विद्यालय गोबरही में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल पहुंचने के लिए जान पर खेल रहे हैं। बच्चों को स्कूल जाने के लिए रोजाना बरदहा नदी को पार करना पड़ता है। सोमवार को बारिश की वजह से नदी का पानी काफी बढ़ गया था। इस कारण कई बच्चे स्कूल जाने के दौरान नदी में बहने से बाल-बाल बच गए। बताया जाता है कि गोबरही गांव के दोनों स्कूलों में आसपास के कई दर्जन गांवों के बच्चे पढ़ने जाते हैं।

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इन गांवों में एक दस्यु प्रभावित क्षेत्र के कोडरिया गांव के मातादीन, विजय, रमेश, सुधीर, शिव कुमार आदि बच्चों ने बताया है कि नदी में बाढ़ आने पर आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है लेकिन मजबूरी में खतरा उठाते हैं। बच्चों ने कहा है कि अगर पुल ठीक हो जाए तो दिक्कत खत्म हो सकती है। बच्चों ने बताया है कि बहुत पहले नदी में रपटा बनवाया गया था लेकिन बाद में वह भी टूट गया। अब टूटे-फूटे रपटा के ऊपर से पानी बहने लगता है। रपटा पार करने में हमेशा ही खतरा रहता है। बच्चों ने बताया है कि टूटे रपटे में गिरकर कई बच्चे घायल भी हो चुके हैं।

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उधर, जब इस बारे में बात की गई तो बांदा-चित्रकूट के भाजपा सांसद भैरोंप्रसाद मिश्र का कहना था कि बच्चों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए बरसात बाद टूटे रपटे को ठीक कराया जाएगा। ताकि बच्चों को स्कूल आने-जाने मे कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि बच्चों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।