समरनीति न्यूज, बांदा : चौतरफा भद्द पिटवाने के बाद बांदा विकास प्राधिकरण (BDA) ने अपने दफ्तर के ठीक सामने बनीं दुकानों की अवैध सीढ़ियों को गुपचुप ढंग से हटवा दिया। ये दुकानें और सीढ़ियां बीते काफी समय से शहर में चर्चा का विषय बनी हुई थीं। इन दुकानों और इनकी अवैध सीढ़ियों के निर्माण का मुद्दा ‘समरनीति न्यूज’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
दरअसल, बीडीए कार्यालय के ठीक सामने बनी इन दुकानों को करीब दो साल पहले सीज किया गया था। फिर रातों-रात खुलीं और इनकी सीढ़ियां भी सड़क से बना दी गईं। अब बिना बीडीओ और किसी बड़े प्रभावशाली की
मिलीभगत के तो यह संभव नहीं हो सकता। सबकुछ बीडीए दफ्तर के सामने हो रहा था। इसलिए लोग काफी अचंभित रहे। अब चारों ओर भद्द पिटवाने के बाद बीडीए ने गुपचुप ढंग से सीढ़ियों को रातों-रात हटवा दिया। सूत्र बताते हैं कि मामले में कार्रवाई इसलिए नहीं दिखाई, ताकि विभाग के मुंह पर और कालिख न पुत जाए।
गुपचुप ढंग से हटवाई सीढ़ियां, ताकि किसी को पता न चलें
बीडीए की ओर से कार्रवाई की कोई सूचना भी नहीं दी गई। विभागीय सूत्र बताते हैं कि बीडीए के एक अधिकारी ने मामले में अपनी फजीहत होने के बाद कार्रवाई कर और भद्द नहीं पिटवानी चाही। बल्कि गुपचुप ढंग से दुकान मालिक को बुलाया। फिर उसे सीढ़ियां हटाने को कहा। रात में ये सीढ़ियां हटाकर रास्ता बंद हो गया।
अवैध प्लाटिंग और अतिक्रमण को लेकर उठ रहीं ऊंगलियां
बांदा में इस समय चौराहों के सुंदरीकरण का काम चल रहा है। ऐसे में बीडीए दफ्तर के आसपास सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कायम है। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की कथनी और करनी में कितना अंतर है। बताते चलें कि विकास प्राधिकरण पर शहर के आसपास अवैध प्लाटिंग को लेकर ऊंगलियां उठती रही हैं।
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