समरनीति न्यूज, बांदाः दो दिन पहले जिले के कमासिन थाना क्षेत्र में तिलौसा तालाब खुदाई के दौरान खजाना मिलने को लेकर हुए हंगामा के बाद आज मंगलवार को पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची इस दौरान तालाब में खोदे गए उस गड्डे को देखा गया, जिसमें खजाने की संभावना जताई गई थी। बताते हैं कि बाद में निष्कर्ष निकला कि तालाब के जिस स्थान में खजाने की बात समझी जा रही थी वहां पर एक पुरानी कुइंया (कुआं) पाया गया है, जो पानी के लिए बनाया जाता है। फिर भी पुरातत्व विभाग के लोग सबकुछ जांच लेने में जुटे हैं।
कमासिन क्षेत्र के तिलौसा तालाब का मामला
हालांकि, कुछ पक्की ईंटे मिलने की बात अधिकारियों ने भी मानी थी। आज दोपहर पहुंची टीम ने अपना काम किया और लोगों के साथ अधिकारियों से भी बातचीत की।
टिल्लू पंप से पानी निकलवाने का काम शुरू
इस दौरान टिल्लू लगवाकर गड्ढे में भरे पानी को बाहर निकलवाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल भी वहां मौजूद रहे। बताया जाता है कि पुरातत्व विभाग की टीम कमासिन के गांव तिलौसा तालाब का निरीक्षण करने पहुंची। वहां टुल्लू पंप से गड्ढे में भरा पानी निकलवाया गया। इससे पहले शनिवार रात को तालाब खुदाई का काम कर रहे ठेकेदार पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि वह तालाब में मिला खजाना लेकर भाग गया है।
हालांकि, ये बातें बाद में कौरी अफवाह साबित हुई थीं। इसके बाद एसडीएम महेंद्र बहादुर सिंह मौके पर पहुंचकर जांच-पड़ताल के बाद पुरातत्व विभाग की टीम से सच्चाई का पता लगाने को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। इसी के बाद आज पुरातत्व विभाग के सत्येंद्र कुमार पूर्व मंडल प्रभारी कर्वी व रामहित गौतम साइड इंचार्ज किला कालिंजर, दोनों तिलौसा पहुंचे। दोनों चिन्हित स्थान का अवलोकन किया। दोपहर तक टुल्लू से पानी निकलवाया जाता रहा। इस दौरान जिलाधिकारी बंसल मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
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