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सीतापुर में 7 महीने बाद पिंजरे में फंसा तेंदुआ, डरे-सहमे लोगों ने ली राहत की सांस

समरनीति न्यूज, सीतापुरः जिले के ग्रामीण इलाकों में बीते करीब 7 माह से लोगों में दहशत का पर्याय बना चुका तेंदुआ आखिरकार वनविभाग के पिंजड़े में फंस ही गया। बुधवार को सुबह उसको पिंजरे में देखने के बाद उससे खौफजदा इलाके ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वनविभाग को यह सफलता मंगलवार को पिंजड़े का जगह बदलने के बाद मिल सकी।

बताते हैं कि बेनीमाधवपुर व सरैयां महीपत सिंह गांवों के बीच बकरी के शिकार के चक्कर में तेंदुआ पिंजडे में आकर फंस गया। मौके पर वनविभाग व सदरपुर डायल 100 व थाने की पुलिस पंहुची हुई है। तेंदुआ को देखने के लिए बडी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी मौके पर डटी हुई है।

तेंदुआ के पिंजरे में फंसने की जानकारी मिलते ही सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ जुटी 

सुबह शारदानहर पर टहलने निकले ग्राम पंचायत सरैयां महीपत सिंह के प्रधान प्रतिनिधि शयामलाल वर्मा ने सबसे पहले तेंदुआ को पिंजरे में कैद देखा। उन्होंने थानाध्यक्ष सदरपुर सूर्यबली पाण्डेय,  वन विभाग के फारेस्ट गार्ड सुशील कुमार व वन माली को सूचित किया। सुबह सबसे पहले लगभग 5 बजे वनमाली वहां पहुंचे। उन्होंन आकर देखा और अपने अधिकारियों को सूचना दी। और धीरे-धीरे तेंदुआ के पिंजरे में कैद होने की खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई।

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हजारों की संख्या में ग्रामीण वहां पहुंचने लगे। भीड़ और शोरगुल के कारण तेंदुआ पिंजड़े के अंदर दहाड़ते हुए छटपटाने लगा। तेंदुआ घायल न हो जाए इसके लिए पिंजड़े को नीली पालीथीन से ढक दिया गया। मौके पर पंहुची पुलिस और वनविभाग के लोग भीड़ को पिंजड़े से दूर करने में लगे रहे।

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उधर, प्रभागीय निदेशक वन अनिरुद्ध पांडे ने बताया है कि वन विभाग के काफी प्रयासों के बाद सफलता मिल गई है। तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। तेंदुआ को उच्चाधिकारियों के निर्देश पर दुधवा के जंगलों में छोड़ा जाएगा। कहा कि अब गांव के लोगों को कोई खतरा नहीं है।

जाल में फंसा बैठा तेंदुआ।

एक बार पहले पिंजरे में बंधा बकरा खाकर, आराम से निकल गया था तेंदुआ   

बीते करीब एक माह से इलाके के लोग इस तेंदुए से परेशान थे। इसके हमले में इंसानों के साथ कई जानवर भी हो चुके थे। कई जानवरों को तेंदुआ उठा ले गया था। वनविभाग की टीम तेंदुआ को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही थी। पहले भी एक पिंजरा लगाया गया था जिसमें एक बकरा भी बांधा गया था।

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तेंदुआ बड़ी चालाकी से पिंजरे तक आया और वापस चला गया था। अबकी बार वनविभाग की टीम ने पहले से ज्यादा चौकसी बरतते हुए पिंजरे की जगह बदल कर उसमें बकरी को बांधा था। बकरी को खाने के चक्कर में तेंदुआ वहां आकर फंस गया।

झूठा साबित हुआ वनविभाग,ग्रामीणों की तेंदुआ होने की बात साबित हुई सही  

जिले के वनविभाग की वह बात झूठी साबित हुई है जिसमें शुरू में उसके अधिकारियों द्वारा तेंदुआ न होने व किसी दूसरे जानवर के होने की बातें कही जा रही थीं जबकि ग्रामीण शुरू से ही तेंदुआ होने की बात कह रहे थे जो सही साबित हुई है। बताते चलें कि इससे पहले दुदुआ नेशनल पार्क की टीम भी तेंदुआ को पकड़ने के लिए आई थी लेकिन तीन दिन रुकने के बाद भी टीम को सफलता नहीं मिल सकी थी।

 

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