समरनीति न्यूज, कानपुरः एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए एक नकली आईबी अधिकारी को पकड़ा है जिसने नौकरी दिलाने के नाम पर कानपुर के छह युवाओं को 72 लाख रुपए का चूना लगाया है। अब एसटीएफ ने उसको गिरफ्तार करते हुए पूरे रैकेट का भंडाफोड़ा किया है। इस रैकेट के एक सदस्य की मौत हो चुकी है। इस मामले में दूसरे आरोपी आकाश कुमार गुप्ता के खिलाफ कानपुर के जूही थाने में धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है। बताया जाता है कि लखनऊ एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह को सूचना मिली थी कि कानपुर में नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं से फर्जी वसूली का रैकेट चल रहा है।
मुंबई से जुड़े थे रैकेेट के तार, एक आरोपी की कुछ महीने पहले हो चुकी मौत
रैकेट में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई थी। तब जानकारी हुई कि जालौन के रामपुरा थाना क्षेत्र एवं कस्बे के मकान नंबर-13, राजेंद्रनगर के रहने वाले आकाश गुप्ता पुत्र जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने कानपुर के जूही में रहने वाले वीरेंद्र कुमार, अमित कुमार, वीरेंद्र प्रताप सिंह, शशिकांत, जयचंद तथा सौरभ पांडे से 12-12 लाख रुपए, नौकरी दिलाने के नाम पर ठग लिए।
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इस तरह उसने 72 लाख रुपए अलग-अलग खातों में लिए। इसके बाद सभी युवकों को मुंबई ले जाकर ट्रेनिंग दिलाई और एक गेस्ट हाउस में ठहराया। उसके साथ इस रैकेट में स्वतंत्र शर्मा नाम का व्यक्ति भी शामिल रहा। हांलाकि अब पूछताछ में आरोपी आकाश गुप्ता ने बताया है कि स्वतंत्र शर्मा की मौत हो चुकी है। गत दिवस एसटीएफ ने आकाश गुप्ता को कानपुर से उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह एक अन्य युवक से इसी तरह धोखाधड़ी करके 12 लाख रुपए लेने आया था। इसके बाद उसे जूही थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया। ठगी के इस मामले में आरोपी आकाश के खिलाफ कानपुर के जूही थाने में नौबस्ता के आवास विकास, हंशपुरम निवासी सभाजीत पुत्र छेदीलाल ने मुकदमा भी दर्ज कराया है।