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71 पूर्व नौकरशाहों ने प्रज्ञा के बयान की अलोचना की, उम्मीदवारी रद्द करने की मांग

शहीद हेमंत करकरे (फाइल फोटो) तथा साध्वी प्रज्ञा। 

समरनीति न्यूज, डेस्कः मालेगांव बम ब्लास्ट आरोपी एवं भोपाल लोकसभा सीट की प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा गत दिनों शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ दिए गये बयान की खूब आलोचना हुई थी। आईपीएस एसोसिएशन ने भी इसकी निंदा की है। अब पूर्व नौकरशाहों ने मोर्चा खोला है। रिटायर्ड  71 सिविल सेवकों के एक समूह ने खुला पत्र लिखते हुए बयान की निंदा करने के साथ-साथ बीजेपी से प्रज्ञा की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है। पूर्व नौकरशाहों ने एक खुला पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है।

पूर्व अधिकारियों ने कहा, करकरे की यादों का भी अपमान किया  

विरोध में इन लोगों ने मोदी द्वारा प्रज्ञा की उम्मीदवारी के समर्थन पर नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि  मोदी ने प्रज्ञा की उम्मीदवारी को हमारी सभ्यता की विरासत का प्रतीक करार दिया था। पूर्व अधिकारियों ने एक खुला पत्र लिखते हुए कहा है कि प्रज्ञा ने, न केवल राजनीतिक मंच का इस्तेमाल कट्टरता बढ़ाने के लिए किया बल्कि करकरे की यादों का भी अपमान किया। बता दें कि हेमंत करकरे मुंबई में आतंकवादी हमले के दौरान शहीद हो गए थे। पत्र में कहा गया, ‘करकरे के साथ या उनकी देखरेख में काम करने वाला हर अधिकारी मानता है कि वह निहायत ईमानदार और प्रेरणा देने वाले शख्स थे।’ मालूम हो कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि हेमंत करके की मौत उनकी श्राप की वजह से हुई।

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प्रज्ञा के इस बयान का काफी आलोचना हुई थी। चौतरफा आलोचना के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था। पूर्व नौकरशाहों ने पत्र में लिखा है कि ‘एक पूर्व सहकर्मी, एक अधिकारी, जो अपने पेशेवराना अंदाज के लिए जाना जाता हो उनका इस तरह अपमान हैरान करने वाला है और इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

कहा, देश को करकरे के बलिदान का सम्मान करना चाहिए 

देश को करकरे के बलिदान का सम्मान करना चाहिए और उनका तथा उनकी स्मृतियों का अपमान नहीं करने दिया जाना चाहिए। इस पत्र पर पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक जूलियो रिबेरो, पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त मीरन बोरवानकर और प्रसार भारती के पूर्व कार्यकारी अधिकारी जवाहर सरकार के भी हस्ताक्षर हैं।

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पूर्व अधिकारियों ने एक सुर में साध्वी प्रज्ञा के बयान की निंदा करने और भाजपा से उनकी उम्मीदवारी खारिज करने की मांग की। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी से चुनाव के दौरान बने भय के माहौल को खत्म करने के लिए कदम उठाने की अपील की। प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर दिए गए विवादित बयान से व्यथित होकर महाराष्ट्र के पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रियाजुद्दीन देशमुख उनके खिलाफ  निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतर आए हैं। करकरे रियाजुद्दीन के वरिष्ठ अधिकारी थे।