समरनीति न्यूज, लखनऊ : सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी के मामले अक्सर सामने आ रहे हैं। इस बार एक बड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बुलंदशहर सदर के बीजेपी विधायक प्रदीप चौधरी को भी अपने शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए रिश्वत देनी पड़ी। बीजेपी विधायक ने जिलाधिकारी गाजियाबाद आरके सिंह को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। बीजेपी विधायक ने कहा है कि तीन लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए शस्त्र लिपिक (असलाह बाबू) ने 35,500 रुपए रिश्वत ले ली।
विधायक ने डीएम को पत्र लिखकर दी जानकारी
बीजेपी विधायक का कहना है कि उन्होंने बाबू को अपना परिचय भी दिया। इसके बावजूद बाबू ने उनकी नहीं सुनी। विधायक का कहना है कि बाबू के दुस्साहस की हद तो तब हो गई, जब उसने यहां तक कह डाला कि बिना सुविधा शुल्क कोई काम नहीं होगा। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने सीडीओ को जांच सौंपी है।
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दरअसल, बीजेपी विधायक का परिवार गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहता है। उनके व उनके परिवार के लोगों के शस्त्र लाइसेंस भी गाजियाबाद से बने हैं। उन्हें अपनी पिस्टल पिस्टल, रायफल और भाई जीतपाल की पिस्टल के लाइसेंस का रिनिवल कराना था। सरकारी कुल शुल्क 12,500 रुपए है लेकिन असलाह बाबू ने उनसे 48,000 रुपए की मांग की।
डीएम ने मामले की जांच सीडीओ को सौंपी
बताते हैं कि मजबूरी में उनको पूरी रकम देनी पड़ी। उन्होंने 15 अप्रैल को इसकी शिकायत डीएम से की। उधर, डीएम का कहना है कि सीडीओ को मामले की जांच सौंपी गई है। अब बीजेपी विधायक का कहना है कि भाजपा की सरकार में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है। कुछ कर्मचारी और अधिकारी सरकार की छवि खराब कर रहे हैं। कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह भी कहा कि अगर जांच पारदर्शी ढंग से नहीं हुई तो विधानसभा में मामला उठाएंगे।
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