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सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को झटकाः आलोक वर्मा ही रहेंगे सीबीआई के मुखिया, मोदी  सरकार का फैसला रद्द

सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को झटकाः आलोक वर्मा ही रहेंगे सीबीआई के मुखिया, मोदी सरकार का फैसला रद्द

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समरनीति न्यूज, नई दिल्ली: सुप्रीमकोर्ट ने आज केंद्र सरकार के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेज दिया गया था। अब आलोक वर्मा केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई के निदेशक बने रहेंगे। अदालत ने यह फैसला सीबीआई निदेशक की याचिका पर सुनाया है। इस मामले को केंद्र सरकार को बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। बताते चलें कि आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि उनको अधिकारों से वंचित कर अवकाश पर भेजा गया है। केंद्र के अधिकारी वापसी और छुट्टी वाले आदेश रद्द  वहीं मामले की सुनवाई करते हुए देश के उच्चतम न्यायालय ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर बहाल कर दिया। साथ ही उनके अधिकार वापस लेने और छुट्टी पर भेजने वाले केंद्र सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है। इतना ही नहीं सुप्रीमोकोर्ट द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की जांच पूरी होने तक आलो...
सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर पर सुनवाई अब 10 जनवरी को होगी

सुप्रीमकोर्ट में राममंदिर पर सुनवाई अब 10 जनवरी को होगी

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मालिकाना विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब 10 जनवरी को होगी। बताया जाता है कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में बेंच का गठन नहीं हो पाया। 10 जनवरी को होगा बेंच का गठन   कोर्ट ने बेंच के गठन के लिए 10 जनवरी का दिन तय किया है। बताते चलें कि यह मामला देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश संजय किशन कौल की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है। बताते चलें कि राजनीतिक मुद्दा बन चुके इस मामले की सुनवाई पर सभी की नजर है। ये भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अपराध नहीं  ...
जब सुप्रीमकोर्ट ने कहा, राज्यपाल रामनाईक के फैसले ने हिला दी कोर्ट की चेतना, हत्याओं के दोषी को माफी नहीं

जब सुप्रीमकोर्ट ने कहा, राज्यपाल रामनाईक के फैसले ने हिला दी कोर्ट की चेतना, हत्याओं के दोषी को माफी नहीं

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपी में चार सियासी हत्याओं के दोषी की सजा को माफ करने वाले राज्यपाल रामनाईक के फैसले को पलट दिया। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल के इस फैसले ने अदालत की चेतना को हिलाकर रखा दिया है। कहा कि यही वजह है कि अदालत को मजबूरन इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। पूर्वांचल में 4 सियासी हत्याओं के दोषी मार्कंडेय शाही को माफी का मामला  दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस एमएम शांतनागोडर की पीठ ने कहा है कि चार सियासी हत्याओं के दोषी मार्कंडेय शाही को उम्रकैद की सज़ा हुई थी। ऐसे में क्या कारण है कि सिर्फ 7 साल की सज़ा काटने के बाद ही राज्यपाल ने उसे छोड़ने का फैसला ले लिया। ये भी पढ़ेंः आधार पर सुप्रीमकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अब बैंक, परीक्षाओं और मोबाइल के लिए अनिवार्य नहीं ‘आधार कार्ड’ सर्वोच...
प्रदूषण पर मारः सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद जागी सरकार, 40 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द

प्रदूषण पर मारः सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद जागी सरकार, 40 लाख वाहनों के रजिस्ट्रेशन रद्द

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद आखिरकार दिल्ली सरकार जाग उठी है। देश की राजधानी में जानलेवा हुए प्रदूषण पर तगड़ी मार हुई है। दिल्ली सरकार ने करीब 40 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। इनमें वह वाहन हैं जो 15 से 10 साल पुराने हैं। यानी 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहन। बताया जाता है कि दिल्ली में कुल 1.10 करोड़ वाहन रजिस्टर्ड है। एनजीटी के आदेशों को साढ़े तीन साल दबाए बैठे रही दिल्ली सरकार  अभी सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति पर नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली में इतने ज्यादा पुराने वाहनों के चलने पर पाबंदी लगाने के एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। ये भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अ...
सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: मस्जिद में नमाज का मामला पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: मस्जिद में नमाज का मामला पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरूवार को एक बेहद अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा है कि मस्जिद में नमाज का मामला अब बड़ी बेंच यानि पांच जजों वाली बेंच को नहीं भेजा जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फारुकी मामले में टिप्पणी से अयोध्या केस की सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देश की सर्वोच्च अदालत ने आज कहा कि कहा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है और यह मामला अब बड़ी बेंच में नहीं भेजा जाएगा। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि 1994 के संविधान पीठ के फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं उच्चतम न्यायालय ने ‘मस्जिद इस्लाम का अभिन्न अंग है या नहीं है’ के बारे में 1994 के फैसले पर दोबारा विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इंकार कर दिया। ये भी पढ़ेंः मेरठ में बीजेपी के फायरब्रांड विधायक संगीत सोम के घर ग्रेनेड से हमला, ताबड़तोड़ गोलीबार...
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अपराध नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की आईपीसी की धारा-497, शादी के बाहर के संबंध अपराध नहीं

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समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश की सर्वोच्च अदालत ने आज एक बड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शादी के बाहर के संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर रखते हुए 158 साल पुराने व्यभिचार-रोधी कानून यानि आईपीसी की धारा-497 को रद्द कर दिया। अदालत की, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने आईपीसी यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 497 को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया। सभी जजों ने इस मामले में एक राय से फैसला सुनाया। दरअसल, अदालत ने इटली में रहने वाले केरल निवासी जोसेफ शाइन की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। क्या थी आईपीसी की धारा-497, यह भी जानियेः  अबतक आईपीसी की धारा-497 के तहत अगर किसी शादीशुदा पुरुष का किसी अन्य शादीशुदा महिला से उसकी रजामंदी से शारीरिक संबंध ...
प्रमोशन में अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों को मिलता रहेगा आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट  

प्रमोशन में अनुसूचित जाति/जनजाति के कर्मचारियों को मिलता रहेगा आरक्षण – सुप्रीम कोर्ट  

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समरनीति न्यूज, डेस्कः बुधवार को अपने महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि अनुसूचित जाति-जनजाति के (SC/ST) कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण जारी रहेगा। अदालत ने कहा है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण नहीं हटेगा। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा है कि इस फैसले पर दोबारा विचार की जरूरत नहीं है। ये भी पढ़ेंः आधार पर सुप्रीमकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला: अब बैंक, परीक्षाओं और मोबाइल के लिए अनिवार्य नहीं ‘आधार कार्ड’   अदालत ने कहा है कि पिछड़ेपन पर मात्रात्मक डेटा इकट्ठा करने की जरूरत नहीं है। अदालत ने साफ कर दिया है कि प्रमोशन में एससी/एसटी आरक्षण का मामला बड़ी बेंच को नहीं जाएगा। बताते चलें कि केंद्र सरकार नागराज मामले  पर पुनर्विचार चाहती थी लेकिन सुप्रीमकोर्ट के इस फैसले के बाद 2006 का आदेश अब बरकरार रहेगा। ये भी पढ़ेंः लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर लावारिस ...