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तेज बुखार में प्रियंका ने पूरी की मौन पदयात्रा, हजारों कार्यकर्ता स्वागत के लिए उमड़े

Priyanka Gandhi undertakes silent march withusands of activists in Lucknow

समरनीति न्यूज, लखनऊः चिन्मयानंद मामले में प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्लाबोल को पहुंचीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने आज तेज बुखार के बीच लखनऊ में करीब ढाई किलोमीटर लंबी मौन पदयात्रा की। एयरपोर्ट से सीधे शहीद स्मारक पहुंचीं प्रियंका गांधी का वहां हजारों की संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। वहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रियंका गांधी ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ मौन पदयात्रा शुरू की। रास्ते में हनुमान मंदिर में उन्होंने नमन भी किया। इसके बाद जीपीओ तक पदयात्रा करते हुए पहुंचीं। उन्होंने जीपीओ पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुहंचकर बापू को पुष्पांजलि अर्पित की।

Priyanka Gandhi undertakes silent march withusands of activists in Lucknow

योगी सरकार पर हमला, कहा-महिलाओं पर हो रहा अत्याचार

बाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रियंका ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पहले सच्चा बनना होगा। बीजेपी पहले सत्य के मार्ग पर चले, फिर गांधी जी की बात करे। प्रियंका ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं और कमजोरों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। कहा कि महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ हम लोग संघर्ष कर रहे हैं।

Priyanka Gandhi undertakes silent march withusands of activists in Lucknow

कम समय के कारण नहीं कर सकीं कार्यकर्ताओं को संबोधित

बताते चलें कि तय कार्यक्रम के अनुसार प्रियंका गांधी को सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुंचना था लेकिन वह किसी वजह से 1 बजे पहुंच सकीं। पदयात्रा के बाद उनको कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था लेकिन समय पूरा होने के कारण वह सीधे दिल्ली जाने के लिए वहीं से एयरपोर्ट निकल गईं। बताते चलें कि प्रशासन ने प्रियंका गांधी को पदयात्रा के लिए मात्र 2 घंटे का समय दिया था।

Priyanka Gandhi undertakes silent march withusands of activists in Lucknow

प्रमोद तिवारी ने कहा, कुछ लोग राष्ट्रपिता बनने की कोशिश में

उधर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने पार्टी दफ्तर में कहा कि प्रियंका जी को तेज बुखार था, इसके बावजूद वह लखनऊ में पदयात्रा करने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि कम समय के कारण वह कार्यकर्ताओं को संबोधित नहीं कर सकीं और सीधे दिल्ली रवाना हो गईं। प्रमोद तिवारी ने यह भी कहा है कि कुछ लोग इस समय राष्ट्रपिता बनने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उनको पता नहीं है कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी थे और रहेंगे। बताते चलें कि कुछ दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि मोदी भारत के लिए एक राष्ट्रपिता की तरह हैं।

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