समरनीति न्यूज, बांदाः ‘मुखिया मुख सो चाहिए, खान पान सो एक, पालहिं पोषहिं सबहिं अंग, तुलसी सहित विवेक।’ तुलसी दास जी की इन्हीं पंक्तियों के जरिए समाज को जागरूक करने को बुंदेलखंड के बांदा से एक नई पहल हो रही है जिसमें गांव के वोटरों को अच्छा-कर्मठ और ईमानदार प्रधान चुनने के लिए जागरुक किया जाएगा। साथ ही अच्छे पढ़ें-लिखे लोगों को चुनाव लड़के लिए उत्साहित कियाजाएगा। दरअसल, यह काम किसी सरकारी योजना या एनजीओ का हिस्सा नहीं होगा, बल्कि गांव से जुड़े कुछ संभ्रांत-बुद्धिजीवियों की पहल से होने जा रहा है। इसको लेकर बैठकें हो चुकी हैं। अब जमीनी धरातल पर हकीकत दिखाई देने वाली है। शहर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बड़ोखर खुर्द में शनिवार को आइए मुखिया बनें/चुनें कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
बड़ोखरखुर्द में योजना पर काम को लेकर बैठक
ग्राम उत्थान समूह के सदस्यों ने बढ़ोखर के किसान नेता प्रेम सिंह के नेतृत्व में उनकी बगिया में ग्रामीणों को गांव का मुखिया चुनने के बारे में कार्यक्रम चलाने को लेकर विचार-विमर्श किया। कहा गया कि गांव का प्रधान बनने के लिए खुद से उत्साहित करें जो गांव की उन्नति, समृद्धि में सहायक हो।
ये लोग संभालंगे इस काम का दायित्व
गांव की सार्वजनिक और प्राकृतिक संपत्तियों जैसे तालाब, कुआं, सड़क, खेल मैदान, स्कूल और अन्य आवासों आंगनबाड़ी केंद्र, नाली, चकरोड आदि का सदुपयोग और संरक्षित कर सके। इसके लिए सामूहिक प्रयास करना जरूरी है। ऐसा मुखिया चुनें जो गांव को एक आदर्श गांव बनाने का सपना संजोता हो। प्रत्येक परिवार को सम्मान रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, रोजगार उपलब्ध कराने की योजना हो, अन्ना प्रथा आपसी झगड़े आदि का समाधान दे सके। इसके अलावा अन्य जानकारियां भी ग्रामीणों को दी गईं।
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इस मौके पर रामभरत सिंह तोमर संयोजक, उमाशंकर पांडेय सूचना संचार प्रभारी, राजाभइया अतर्रा, महानंद पटेल, जेपी यादव, अरविंद छिरोलिया कालिंजर, मजहरुल हसन छनेहरा लालपुर, सुल्तान अली कालिंजर, कवतिा देवी, शबाना रफीक, सादिक जमा, गोपाल भाई बिगहना, डा. चंद्रिका प्रसाद दीक्षित बांदा, प्रेम सिंह अभियान प्रवक्ता बड़ोखर खुर्द, अशोक श्रीवास्तव अतर्रा, अंबरीश कुमार तेरहीमाफी, असलम भाई छनेहरा लालपुर, शांतिभूषण सिंह पचनेही, पंकज बागवान बड़ोखर बुजुर्ग, रमेश पाल बड़ोखर खुर्द शामिल हैं।
जातिवाद-दारुवाद के खिलाफ कवायद
शैलेंद्र सिंह बुंदेला, प्रशंसा गुप्ता, जनार्दन त्रिपाठी घुरौंडा, हारिस जमा कालिंजर, वीके सिंह भरखरी, पुष्पेंद्र भाई पड़ुई आदि को बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गईं हैं। ये प्रबुद्धजन गांव के वोटर को जागरुकता का पाठ पढ़ाएंगे, ताकि जातिवाद-दारूवाद और दूसरे लालच में आकर गांव का भोला-भाला वोटर किसी के बहकावे में न आकर एक अच्छा मुखिया चुन सके। साथ ही एक कर्मठ व्यक्ति, जिसमें समाजसेवा की ललक हो, इस दिशा में चुनाव लड़ने को आगे आ सके।
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