समरनीति न्यूज, लखनऊ : पूर्व मंत्री और किसी जमाने में बसपा के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग के लपेटे में हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोनों एजेंसियां जांच कर रही हैं। दरअसल, जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा की बेनामी संपत्तियों की जांच चल रही है। कई बेनामी संपत्तियों को चिह्नित भी किया जा चुका है।
लखनऊ के सरोजनी नगर में जमीन जब्त
इन संपत्तियों को लेकर ईडी को पूरा संदेह है कि ये बाबू सिंह कुशवाह की ही हैं। इन संपत्तियों को करीबियों की कंपनी के नाम से खरीदा गया है। इसी क्रम में लखनऊ में आयकर विभाग ने लगभग दो महीने पहले सरोजनीनगर क्षेत्र में स्थित एक जमीन भी जब्त की थी।
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बताते हैं कि यह जमीन देशराज कुशवाहा के नाम पर दर्ज थी। सूत्रों की माने तो ईडी की जांच विंध्य शक्ति सीमेंट कंपनी के माध्यम से खरीदी गईं कई संपत्तियों को लेकर चल रही है।
दूसरी कंपनियों के जरिए जमीन खरीद
सूत्रों के अनुसार इस कंपनी के संचालक नत्थू राम कुशवाहा व गया प्रसाद कुशवाहा हैं जो कि पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाह के बेहद करीबी हैं। ईडी को आशंका है कि इसी कंपनी के जरिए लखनऊ व अन्य शहरों में बेनामी संपत्तियां जुटाई गई हैं। सूत्र बताते हैं कि ईडी कुछ बैंक खातों का ब्योरा भी खंगाल रही है।
NRHM घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री कुशवाह
कंपनी से जुड़े कुछ अन्य लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है। बताते हैं कि बहुचर्चित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में आरोपी पूर्व मंत्री कुशवाहा के विरुद्ध ईडी प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत भी जांच कर रही है। ईडी कुशवाहा की लगभग 200 करोड़ की संपत्तियों को जब्त कर चुकी है। हाल ही में कोर्ट ने कुशवाहा के खिलाफ गैरजमानती वारंट भी जारी किया था।
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