Friday, May 3सही समय पर सच्ची खबर...

Banda : अवैध खनन से सवालों में खनिज विभाग, राजनीतिक संरक्षण या कुछ और..

Big news : Strong action on illegal mining in Banda, cancellation of lease , recovery and FIR too
प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा में अवैध खनन पकड़े जाने पर दो खनिज अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। इसके बावजूद इसपर लगाम नहीं लग रही है। शासन की सख्ती यहां बेअसर है। इस समय अवैध खनन को लेकर काफी हो-हल्ला मचा है। वहीं दूसरी ओर खनिज विभाग के अधिकारी लगातार इसपर चुप्पी साधे हैं। जिला खान अधिकारी का फोन उठना बंद हो चुका है। खनिज विभाग पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले 1 साल में दो खनिज अधिकारी यहां निलंबित हुए हैं तो एक को हटाया जा चुका है। शासन की टीम जब भी छापा मारती है तो अवैध खनन पकड़ा जाता है। वहीं स्थानीय अधिकारी आंखें बंद किए बैठे हैं। उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं है।  ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या राजनीतिक संरक्षण में ऐसा हो रहा है..?

शासन की टीम की छापेमारी में पकड़ा गया था अवैध खनन

बताते चलें कि मरौली खदान में मशीनों से नियम विरुद्ध अवैध खनन के लगातार आरोप लग रहे हैं। ग्रामीण भी इसकी शिकायत कर चुके हैं। वहीं बीते वर्ष इस खदान पर खुद खनिज निदेशक रोशन जैकब ने कार्रवाई की संस्तुति की थी।

Banda game of illegal mining : illegal mining-overloading at Pathri and Benda mines like Naraini

शासन की सख्त कार्रवाइयों के बावजूद सुधार नहीं

इसके बाद तत्कालीन खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता को 9 जून 2022 को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह को निलंबित किया गया। फिर एक और खनिज अधिकारी को हटाया गया। एक के बाद एक तीन खनिज अधिकारी पर कार्रवाई की गाज गिरी।

मरौली खदान में निर्धारित सीमा क्षेत्र के बाहर खनन

इसके बावजूद विभाग की कार्यशैली वैसी नहीं है, जैसा होना चाहिए। आज हालात यह हैं कि अवैध खनन फिर भी जारी है। सूत्रों की माने तो मरौली खदान पर निर्धारित सीमांकन से बाहर अवैध रूप से खनन हो रहा है। इतना ही नहीं एनजीटी की गाइड लाइन की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। मशीनों को नदी की जलधारा के बीच लाकर बालू निकाला जा रहा है।

फोन न उठाकर सच्चाई से मुंह छिपा रहे खनिज अधिकारी !

सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में खनिज विभाग है। खनिज विभाग के अधिकारी पत्रकारों के फोन नहीं उठा रहे हैं। बात करने से लगातार बच रहे हैं। आज जिला खनिज अधिकारी अर्जुन कुमार को फिर इस संबंध में बात करने के लिए काल की गई। लेकिन हमेशा की तरह ही उनका फोन नहीं उठा।  इससे साफ है कि शायद विभाग इस मामले में बात ही नहीं ही नहीं करना चाहता है। ऐसे में एक बार फिर खनिज विभाग की भूमिका शक के दायरे में है।

कहीं बालू कारोबारियों को नेताओं का संरक्षण तो नहीं..?

बांदा शहर से सटे इलाके बौधीपुरवा, भवानीपुरवा और राजघाट। इन जगहों पर लगातार अवैध खनन हो रहा है। चर्चा है कि कुछ लोग लगातार अवैध खनन करा रहे हैं। सरकार को लाखों-करोड़ो रुपए के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। इसके बावजूद खनिज विभाग के जिम्मेदारों के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। मरौली, भवानीपुरवा खदानों की बात हो या शहर के आसपास होने वाले अवैध खनन की। चर्चा है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के यह सबकुछ इतना आसान नहीं है। इससे पहले भी अवैध खनन को राजनीतिक संरक्षण के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कहीं अवैध खनन को राजनीतिक संरक्षण तो नहीं है..?

ये भी पढ़ें : बांदा की जिस खदान पर शासन ने खान अफसर को किया था सस्पेंड, वहां आज भी अवैध खनन..

बांदा की जिस खदान पर शासन ने खान अफसर को किया था सस्पेंड, वहां आज भी अवैध खनन..