समरनीति न्यूज, कानपुरः चुनाव आ चुके हैं तो नेता भी एक पांव पर खड़े हैं। कुछ भी करिये, बस उनको वोट चाहिए, लेकिन चुनावों के साथ ही नेताओं की गैरजिम्मेदारियां और नकारापन भी खुलकर सामने आ रहा है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के नकारेपन और गैरजिम्मेदारी का जीता-जागता उदाहरण देखना हो तो कानपुर के पाश इलाके कहे जाने वाले पांडुनगर चले आई।
जेके मंदिर से पांडुनगर जाने वाली सड़क का हाल
जेके मंदिर के सामने वाली सड़क पर पांडुनगर से गुरुद्वारे जाने वाली करीब 500 मीटर की यह सड़क पिछले लगभग दो साल से टूटी पड़ी है। सड़क को नाला बनाने के नाम पर खोदकर डाल दिया गया। फिर दोबारा इसकी ओर किसी ने नहीं देखा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क पर दिन-रात धूल उड़ती रहती है जो वहां से गुजरने वाले लोगों और रहने वालों को बीमार कर रही है।
दो साल से हालत बदतर
इतना ही नहीं सड़क के मेनहोल खुले पड़े हैं। जरा सी चूक किसी बड़ी अनहोनि को दावत दे सकती है। कई बार लोग गिरकर चुटहिल भी हो चुके हैं। कानपुर नगर की लोकसभा और गोविंदनगर विधानसभा में आने वाला यह इलाका लंबे समय से उपेक्षित है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वोट के समय नेता फिर दिखाई देने लगे हैं। लोगों ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों के प्रति काफी आक्रोश है। हांलाकि खुलकर कोई नहीं बोल रहा है लेकिन लोगों का कहना है होने वाले लोकसभा चुनावों में नेताओं को सबक सिखाया जाएगा।
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