समरनीति न्यूज, कानपुरः जिले में फर्जी असलहा मामले में कस्टडी रिमांड में आए आरोपी जितेंद्र की निशानदेही पर एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीएम-6 के दफ्तर से हटाए जा चुके एक पुराने कारीगर और एक वकील के मुंशी को गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, कस्टडी के दौरान एसआईटी के सामने आरोपी जितेंद्र ने यह खुलासा किया है कि 30 से ज्यादा फर्जी लाइसेंस ठेका लेकर बनवाने में ये दोनों आरोपी शामिल थे। इतना ही नहीं प्रति लाइसेंस आरोपी कारीगर जितेंद्र व लिपिक विनीत को 1 लाख रुपए मिले थे।
फर्जी असलहा मामले में हुई कार्रवाई
पुलिस लाइन में पत्रकारवार्ता के दौरान एसआईटी प्रभारी तथा एसपी क्राइम राजेश यादव ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि 30 अगस्त तक एसीएम-6 कार्यालय में तैनात रहे कारीगर कानपुर शहर के लक्ष्मीपुरवा के रहने वाले विशाल प्रजापति और एक वकील के मुंशी बिठूर के तात्याटोपे नगर का रहने वाला जैकी उर्फ जयकिशन प्रजापति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों ने अपने अपराध को स्वीकारते हुए अहम जानकारी भी दी है। अब जांच टीम इन आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।
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पुलिस अधीक्षक क्राइम का कहना है कि आरोपी विनीत और जितेंद्र ने असली लाइसेंस बताकर लाइसेंसधारकों को फर्जी लाइसेंस बनाकर दे दिए। वहीं आरोपी विशाल और जैकी का कहना है कि उन लोगों को जिलाधिकारी की ओर से जारी असली लाइसेंस की बात कही गई थी। एसपी क्राइम ने यह भी बताया है कि एमसीए पास कारीगर जितेंद्र फर्जी पत्रावलियों के फॉर्मेट और कंप्यूटर की नोटशीट निकालकर, उसी पर स्कैन के जरिए दस्तखत लगा देता था। इतनी सफाई से काम करता था कि नकली कागज भी असली लगते थे।
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