समरनीति न्यूज, लखनऊः कोरोना जांच को लेकर यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट लैब में इनकी कीमत तय कर दी है। अबतक लैब में इस जांच के 4500 रुपए लिए जा रहे थे, लेकिन अब सरकार ने इसकी कीमत 2,500 रुपए फिक्स कर दी है। हालांकि, इसे थोड़ी राहत ही कहा जाएगा, क्यों कि अब भी यह कीमत आम लोगों के लिए जरूरत से ज्यादा है। इसकी वजह है कि दूसरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को देखने से पहले चिकित्सक उनको कोरोना जांच कराकर आने को को कहते हैं। इस जांच के लिए उनको प्राइवेट लैब जाना होता है और वहां उनकी अच्छी खासी जेब खाली हो जाती थी।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के निर्देश
अब कुछ कम असर होगा। हालांकि, अब भी लोगों को ढाई हजार कीमत चुकानी पड़ेगी। एक आम मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए यह कीमत भी कम नहीं कही जा सकती है। बहरहाल, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि प्राइवेट लैब में कोरोना की जांच के अधिकतम 2500 रुपए फीस ली जा सकेगी।
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वहीं सरकारी या निजी अस्पताल द्वारा प्राइवेट लैब को भेज गए सैंपुल की अधिकतम कीमत 2000 रुपए ली जा सकेगी। अगर कोई लैब संचालक इसका उल्लंघन करता है तो एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 और उत्तर प्रदेश महामहारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के तहत उसे दंडित किया जाएगा। कहा गया है कि परीक्षण के बाद ICMR के पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद संबंधित जिले के सीएमओ और स्टेट सर्विलांस अधिकारी को भी रिपोर्ट देना जरूरी होगा।
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