समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा के बड़ोखरखुर्द में प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह की बगिया में किसानों की एक गोष्ठी आयोजित हुई। किसानों को लगातार कम होती मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने के उपाय बताए गए। जैविद खेती और जैविक खाद की उपयोगिता समझायी गई। किसानों को आत्मनिर्भर बनने व खाद में खर्च कम करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कृषि विशेषज्ञों ने दिए किसानों को टिप्स
इस मौके पर कृषि विशेषज्ञों ने रासायनिक और जैविक खाद के अंतर को बताया। साथ ही इसके फायदे और नुकसान भी बताए। सर्वेश सिंधू ने कहा कि जैविक खाद मिट्टी के स्वास्थ्य और उपजाऊपन को बेहतर बनाकर उसका पोषण करता है। मिट्टी में वायु संचार बढ़ाकर पानी को धारण करने की क्षमता बढ़ाता है।
किसान प्रेम सिंह ने रासायनिक खाद से दूर रहकर जैविक खाद अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने किसानों से कहा कि रासायनिक खाद से दूर रहें। यह मिट्टी की उर्वरता को नष्ट कर देती है।
ये भी पढ़ें : बांदा में रिश्ते के देवर ने भाभी को पकड़ा, फिर दुष्कर्म का प्रयास-बेटों की हत्या की धमकी
जल पुरुष पुष्पेंद्र भाई ने खेतों में मेड़बंदी कर पानी एकत्र करने की सलाह दी। किसान आशीष सिंह, जितेंद्र गुप्ता, सैयद उस्मान आदि ने अपने संबोधन में इसके लाभों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर क्षेत्रीय गांव तिंदवारा, अरबई, गुरेह, भरखरी के दर्जनों किसान मौजूद रहे।
बांदा में रिश्ते के देवर ने भाभी को पकड़ा, फिर दुष्कर्म का प्रयास-बेटों की हत्या की धमकी