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यूपी: सदन में अपनी ही सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगा धरने पर बैठे विधायक

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समरनीति न्यूज, लखनऊः प्रदेश विधानसभा में आज खुद सरकार के लिए असहज करने वाली स्थिति पैदा हो गई। विधानमंडल के मानसून सत्र में उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए भाजपा के ही लगभग पांच दर्जन विधायक सदन में धरने पर बैठ गए। अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले इन विधायकों को कांग्रेस और सपा के विधायकों ने भी समर्थन देने में देर नहीं लगाई। हंगामे की स्थिति को देखते हुए सत्र के पहले दिन की सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। विपक्ष ने भी सत्ता पक्ष के विधायकों का समर्थन किया। बताते हैं कि शाम करीब 6 बजे विधायक राजी हुए। माना जा रहा है कि आज गाजियाबाद के अधिकारियों को तलब किया जा सकता है। मामले को लेकर अधिकारियों पर कार्रवाई भी हो सकती है।

तीन बार स्थगित करना पड़ा सदन

यह शायद पहला मौका है जब प्रदेश के विधानमंडल सत्र में ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के विधायकों के कारण ही विधानसभा की कार्यवाही स्थगति करनी पड़ी हो। दरअसल, लोनी (गाजियाबाद) के भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर खुद के पुलिस उत्पीड़न को लेकर अपना पक्ष रखना चाह रहे थे। बताते हैं कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया। उनके समर्थन में भाजपा के कई अन्य विधायक खड़े हो गए। विधानसभा अध्यक्ष ने तीन बार थोड़ी-थोड़ी देर के लिए सदन स्थगित किया।

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बताते हैं कि स्थगन के दौरान संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना आदि ने विधायक नंद किशोर गुर्जर को समझाने का प्रयास किया। बताया जाता है कि फिर सदन जैसे ही शुरू हुआ बीजेपी के विधायक फिर खड़े हो गए। बाद में स्थिति को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने बुधवार 11 बजे तक सदन स्थगित कर दिया। सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा है कि एक विधायक का अपमान मतलब सभी का है, सदस्य विधानसभा में नहीं बोलेगा तो कहां बोलेगा। दरअसल, विधायकों का कहना था कि गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर सिंह को सदन में बुलाकर दंडित किया जाए।

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