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‘माया’ के लालच में अंधी इस माया ने चढ़ाई थी नरबलि, सरकार ने इस वजह से की सजा माफ..

सांकेतिक फोटो।

समरनीति न्यूज, डेस्कः 14 साल पहले धन-दौलत के लालच ने माया नाम की एक औरत को इतना अंधा कर दिया कि उसे गलत-सही और पाप-पुण्य का फर्क दिखाई देना बंद हो गया। उसने अपने पड़ोसी की नाबालिग बच्ची की नरबलि चढ़ा दी। उसको लगा था कि इस तरह वह रातों-रात अकूत संपत्ति की मालकिन बन जाएगी। इस पाप को करने के बाद वह धनवान तो नहीं बनी लेकिन हत्या के जुर्म में जेल जरूर चली गई। अदालत ने माया को उसके इस पाप के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई। हत्या की यह वारदात 14 साल पहले हुई थी। अब शासन ने इस माया को उसके अच्छे चाल-चलन के चलते रिहा कर दिया है।

परिवार के लोग माला लेकर पहुंचे लेने 

वहीं दूसरी ओर परिवार के लोग इस माया को जेल से निकलने पर फूल-मालाओं के साथ लेने पहुंचे। यह घटनाक्रम पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। दरअसल, ललपुरा थाना क्षेत्र के बजेहटा गांव में रहने वाले एक परिवार की नाबालिग बच्ची की 14 साल पहले माया ने नरबलि बताते हुए हत्या कर दी थी।

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पुलिस ने जांच के बाद माया नाम की इस महिला को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप साबित होने पर दोषी पाते हुए अदालत ने माया को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। उसे वर्ष 2014 में सजा सुनाई गई थी। इसके बाद से वह जेल में कैदी नंबर 90/11 के नाम से बंद थी और सजा काट रही थी। मामला बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले से जुड़ा है।

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हमीरपुर के अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया है कि शासन से 29 जनवरी 2019 को एक आदेश आया था कि जेल में सजा काट रही माया के अच्छे चाल-चलन के चलते उसे रिहा कर दिया जाए। इसके बाद महिला माया को जेल से रिहा कर दिया गया है। उधर, जेल से उसके छूटने की खबर पर माया के परिजन फूल-मालाएं लेकर उसे लेने जेल पहुंचे। जेल के गेट से निकलते ही महिला का फूल-मालाओं से स्वागत किया गया।