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पढ़िए ! बांदा DM ने क्यों कहा, निराश्रित गोवंश का संरक्षण बड़ा चैलेंज..

पढ़िए ! बांदा DM ने क्यों कहा, निराश्रित गोवंश का संरक्षण बड़ा चैलेंज..

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समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि निराश्रित गोवंशों का संरक्षण हम सभी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। इस चैलेंज को हम सभी स्वीकारते हुए समस्या को ठीक करेंगे। इसका निराकरण करेंगे। दरअसल, कलेक्ट्रेट सभागार में बोलते हुए जिलाधिकारी ने निराश्रित गोवंशों के संरक्षण को चैलेंज इसलिए बताया क्योंकि पूरे प्रदेश में देखें तो सबसे ज्यादा निराश्रित गोवंश बुंदेलखंड में हैं। इनकी संख्या लाखों में है। हालांकि, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार इनके संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। प्रशासनिक मशीनरी भी जिम्मेदारी निभा रही है। मगर आम व्यक्ति की सहभागिता ना के बराबर है। गोवंशों की सेवा में आम व्यक्ति की सहभागिता बेहद जरूरी सरकार की ओर से बुंदेलखंड को लाखों-करोड़ों रुपए का बजट गौशालाओं के लिए मिल रहा है। फिर भी हर व्यक्ति की सहभागिता ही निराश्रित गोवंशों...
शख्सियत ‘आराधना’, बेजुबानों के नाम इनकी जिंदगी..

शख्सियत ‘आराधना’, बेजुबानों के नाम इनकी जिंदगी..

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मनोज सिंह शुमाली, ब्यूरो (बांदा) : वफादारी का जब कहीं जिक्र होता है तो इंसानों से पहले बेजुबान जानवरों का ख्याल आता है। फिर चाहे वह कुत्ता हो, बिल्ली हो या कोई गोवंश। इन बेजुबान वफादारों की सेवा का जिम्मा भी एक शख्सियत ने उतनी ही वफादारी से करने की ठानी है। इस शख्सियत का नाम है आराधना। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के बांदा जिले की रहने वाली हाइली क्वालीफाइड आराधना सिंह एक रिटायर्ड कमिश्नर की बेटी हैं। कम उम्र में आराधना बेजुबानों की सेवा की जो अद्भुतगाथा लिख रही हैं, वह हर किसी के बस की बात नहीं है। रोज 40 किलो चावल, सब्जियों से बनता है बेजुबानों का खाना अन्ना पशुओं के लिए रोज डलवाती हैं 1 कुंटल भूसा जी हां, आराधना रोज करीब 40 किलो चावल का खाना पकवाकर स्ट्रीट डाॅग के लिए तैयार कराती हैं। फिर उसे रिक्शे से गली-गली कई जगहों पर बंटवाया जाता है। यह सिलसिला रोजाना चलता है। उनके खाने के इं...
बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं के लिए करोड़ों की लागत से बनेंगे आश्रय स्थल

बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं के लिए करोड़ों की लागत से बनेंगे आश्रय स्थल

खेत किसान, बांदा, बुंदेलखंड
समरनीति न्यूज, बांदाः  बुंदेलखंड में अन्ना पशुओं की समस्या किसी से छिपी नहीं है। सरकार ने इधर-उधर भटकते अन्ना पशुओं के लिए आश्रय स्थल बनाने की योजना शूरू की है। इसके लिए करोड़ों रूपए का बजट भी शासन से पास होकर विभाग को मिल गया है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारीहो ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि काम तेजी से पूरा किया जाये, इसके लिए 75 फीसदी रकम कार्यदाई संस्थाओं को अवमुक्त भी हो चुकी है। बांदा के खप्टिहाकला, पिथौराबाद, मनीपुर और महुटा में बनेंगे एक-एक आश्रयस्थल  बताया जाता है कि बांदा जिले में कुल चार आश्रयस्थल बनने हैं इनमें एक खप्टिहाकला में, दूसरा पिथौराबाद और मनीपुर में तथा चौथा महुटा में बनाया जाएगा। इन चारों के निर्माण के लए 1 करोड़ 11 लाख 44 हजार रुपए मंजरू हुए हैं। इनके निर्माण की जिम्मेदारी लोकनिर्माण विभाग के निर्माणखंड व प्रांतीय खंड को दी गई हैं। इतना ही नहीं इनको 75 फीसदी ...