समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि निराश्रित गोवंशों का संरक्षण हम सभी के लिए एक बड़ा चैलेंज है। इस चैलेंज को हम सभी स्वीकारते हुए समस्या को ठीक करेंगे। इसका निराकरण करेंगे। दरअसल, कलेक्ट्रेट सभागार में बोलते हुए जिलाधिकारी ने निराश्रित गोवंशों के संरक्षण को चैलेंज इसलिए बताया क्योंकि पूरे प्रदेश में देखें तो सबसे ज्यादा निराश्रित गोवंश बुंदेलखंड में हैं। इनकी संख्या लाखों में है। हालांकि, यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार इनके संरक्षण के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है। प्रशासनिक मशीनरी भी जिम्मेदारी निभा रही है। मगर आम व्यक्ति की सहभागिता ना के बराबर है।
गोवंशों की सेवा में आम व्यक्ति की सहभागिता बेहद जरूरी
सरकार की ओर से बुंदेलखंड को लाखों-करोड़ों रुपए का बजट गौशालाओं के लिए मिल रहा है। फिर भी हर व्यक्ति की सहभागिता ही निराश्रित गोवंशों के लिए असल संजीवनी है। ऐसे में जिलाधिकारी की बात सही है कि निराश्रित गोवंशों के जीवन को बचाना, उन्हें संवारना हम सभी के लिए चैलेंज है।
महोखर प्रधान एवं भाजपा नेता धीरेंद्र प्रताप सिंह ने सुझाव रखा। कहा कि पशुओं को छुट्टा छोड़ने वालों को जागरूक करने की जरूरत है। महोखर प्रधान ने कहा कि सरकार अच्छा प्रयास कर रही है और अधिकारी भी बढ़िया काम कर रहे हैं। बस जनमानस को अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। बाकी प्रधानों ने भी अपनी-अपनी समस्याओं को रखा।
डीएम ने कहा, गोवंशों को छुट्टा छोड़ा जाना बड़ी समस्या
डीएम श्रीमति नागपाल ने भी कहा कि सबसे बड़ी समस्या अपने पशुओं को छुट्टा छोड़ा जाना है। बहुत से लोग अपने पशुओं को छुट्टा छोड़कर मुंह मोड़ लेते हैं। कहा कि कोई व्यक्ति या ग्रामीण अपने गोवंशो को छुट्टा न छोड़े। अन्ना गोवंशो को पंचायतों द्वारा स्थायी/अस्थायी गोशालाओं में संरक्षित किया जाए। गोवंशो का विभिन्न सार्वजनिक मार्गों पर बैठना और उनके विचरण पर रोक लगाई जाए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी वेद प्रकाश मौर्य, जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनन्द सरोज, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, जिला विकास अधिकारी समेत सभी ग्राम पंचायतों को प्रधान मौजूद रहे।
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