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बड़ी खबर : सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो केस में रद्द किया गुजरात सरकार का फैसला, पढ़िए पूरा मामला..

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समरनीति न्यूज, लखनऊ (डेस्क) : सुप्रीम कोर्ट ने आज बिलकिस बानो केस में बड़ा फैसला सुनाया। 21 साल से भी ज्यादा पुराने बिलकिस बानो प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। यही वजह है कि मामला फिर सुर्खियों में है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी 11 लोगों की रिहाई के गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया। अदालत ने दोषियों को दो हफ्ते अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।

अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं को गोधरा में ट्रेन में जिंदा जलाने के बाद भड़के थे दंगे

सभी दोषी गुजरात के गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों में बिलकिस बानो नाम की महिला से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में जेल में सजा काट रहे थे। दंगों में बिलकिस बानो से गैंगरेप और उसके परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

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15 अगस्त 2023 को गुजरात सरकार ने इन्हें माफी देते हुए रिहा कर दिया था। सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को फैसले में कहा कि जहां मुकदमा चला और सजा गई। वही राज्य दोषियों की

दो सप्ताह के भीतर सभी 7 दोषियों को करना होगा आत्मसमर्पण

सजा माफी का फैसला कर सकता है। अदालत ने कहा दोषियों की सजा माफी का फैसला गुजरात सरकार नहीं कर सकती। यह फैसला महाराष्ट्र सरकार कर सकती है। गौरतलब है कि बिलकिस बानो मामले की सुनवाई महाराष्ट्र में हुई थी। उच्चतम न्यायालय ये भी कहा कि दोषियों को रिहा करने का गुजरात सरकार का फैसला शक्ति का दुरुपयोग था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गुजरात सरकार ने किया शक्ति दुरुपयोग

दंगाइयों ने 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में गोधरा स्टेशन के पास आग लगा दी थी। ट्रेन में सवार अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की जिंदा जलकर दर्दनाक ढंग से मौत हो गई थी।

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आगजनी की इस दुर्दांत घटना के बाद गुजरात में दंगे भड़क उठे। दंगों की चपेट में आए परिवारों में एक बिलकिस बानो का परिवार भी था। बताते हैं कि उस समय 21 साल की रहीं बिलकिस के परिवार में बिलकिस और उनकी साढ़े 3 साल की बेटी के साथ 15 अन्य लोग थे।

दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के 7 लोगों की हत्या कर किया था सामूहिक दुष्कर्म

कहा जाता है कि दंगाइयों ने बिलकिस के परिवार के 7 लोगों को मार डाला था। वहीं गुजरात के दाहोद जिले के राधिकपुर गांव में बिलकिस परिवार के साथ रहती थीं।

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गर्भवती बिलकिस अपनी लगभग 3 साल की बेटी सालेहा और परिवार के 15 अन्य सदस्यों के साथ गांव से भागीं। 3 मार्च 2002 को परिवार पर दंगाइयों ने हमला कर दिया। बिलकिस की बेटी और परिवार के सात लोग मारे गए।

15 अगस्त 2023 को गुजरात सरकार ने सभी दोषियों की सजा कर दी थी माफ

वहीं बिलकिस के साथ कई बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया। बताते हैं कि बिलकिस की मां और चचेरी बहन के साथ भी सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जनवरी 2008 में एक विशेष अदालत ने 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी। 15 अगस्त 2023 को गुजरात सरकार ने 11 दोषियों को माफी देते हुए रिहा कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर दिया है।

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