समरनीति न्यूज, बांदा : बांदा में अवैध खनन कोई नई बात नहीं है। इसमें भी कुछ नया नहीं है कि अक्सर जब नए कलेक्टर बांदा तबादला होकर आते हैं तो कुछ दिन के लिए अवैध खनन या तो बंद हो जाता है या फिर इसकी रफ्तार बेहद धीमी हो जाती है। माहौल टटोला जाता है, लेकिन इस बार बात बिल्कुल अलग है। बांदा में नवागंतुक डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के आने का बड़ा साइड इफेक्ट सामने आ रहा है। शहर के आसपास होने वाला अवैध खनन फिलहाल रोक दिया गया है। खदानों से ट्रकों को बड़े संभालकर निकाला जा रहा है।
माफियाओं और कारोबारियों की धड़कनें बढ़ीं
दरअसल, बालू माफियाओं से लेकर कारोबारियों तक के दिलों की धड़कनें बढ़ी हुईं हैं। इसकी वजह है कि जिलाधिकारी की तेजतर्रार, सख्त और बालू माफियाओं के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने वाले अधिकारी की छवि है। अधिकारी भी माहौल समझ रहे हैं।
ये भी पढ़ें : UP : भाजपा नेता के 11 साल के बेटे की गोली मारकर हत्या, प्रधानी चुनाव की रंजिश में वारदात
बालू माफियाओं से लेकर कारोबारी तक फिलहाल ‘वेट एंड वाच’ मोड पर चले गए हैं। दरअसल, माफिया समझते हैं कि उनकी जरा सी गलती, जिंदगीभर के लिए उनकी मुसीबत बन सकती है। यानी कार्रवाई इतनी तगड़ी होगी, दोबारा सोचना मुश्किल होगा।
सस्पेंड हो चुके दो खनिज अधिकारी, एक ASP भी
बताते चलें कि बांदा में दो-दो खनिज अधिकारी बीते एक साल में अवैध खनन के चक्कर में सस्पेंड हो चुके हैं। एक अपर पुलिस अधीक्षक भी निलंबित हो चुके हैं। इसके बावजूद जिले का खनिज विभाग अवैध खनन पर लगाम कसने में नकारा साबित हुआ है। खनिज विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बनी रहती है। खनन को लेकर बात करते ही अधिकारी असहज से हो जाते हैं। ऐसे में जिलाधिकारी के सामने भी अवैध खनन, ओवरलोडिंग पर लगाम कसना बड़ी चुनौती होगा।
ये भी पढ़ें : बांदा : नवागंतुक डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल बोलीं- ‘मेरा सौभाग्य है यह अवसर’