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टिकट घोटाले में रोडवेज के 65 कर्मचारियों पर गाज, 11 अधिकारी-3 कर्मचारी सस्पेंड, 51 बर्खास्त

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम विभाग में कुल 65 कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई टिकटों के नाम बड़े फर्जीवाड़े के मामले में की गई है। विभाग के एमडी पी गुरु प्रसाद ने यह कार्रवाई की है। कार्रवाई में दो आरएम, तीन एआरएम और छह टीएस सहित कुल 65 कर्मचारियों पर गाज गिरी है।

एसटीएफ के खुलासे के बाद रोडवेज की जांच में सही पाया गया टिकट फर्जीबाड़े का मामला 

खास बात यह है कि इनमें से 11 अधिकारियों और तीन नियमित कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है जबकि 51 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक पी. गुरुप्रसाद ने बताया कि क्षेत्र में टिकट बनाने के नाम पर एक बड़ा गिरोह काम कर रहा था। इस गिरोह के साथ विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे।

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इस मामले में एसटीएफ ने मामले का खुलासा किया। एसटीएफ से मिली जानकारी के बाद बड़े पैमाने पर जांच की गई। जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। जांच में दो क्षेत्रीय प्रबंधक, तीन सहायक प्रबंधक और छह यातायात अधीक्षक समेत 54 कर्मचारियों को दोषी पाया गया।

बताया गया कि 11 अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। 51 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं तीन स्थाई कर्मचारियों को भी निलंबित किया गया है।

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इन अधिकारियों और कर्मचारियों पर गिरी कार्रवाई की गाज

  • क्षेत्रीय प्रबन्धक आगरा पीएस मिश्रा। (निलंबित) 
  • क्षेत्रीय प्रबन्धक अलीगढ़ अतुल त्रिपाठी। (निलंबित) 
  • आगरा व अलीगढ़ क्षेत्र के तीन सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक गोपाल स्वरूप शर्मा, हाथरस डिपो, अक्षय कुमार, मथुरा डिपो तथा योगेन्द्र प्रताप सिंह, बुद्धविहार डिपो। (निलंबित) 
  • आगरा व अलीगढ़ क्षेत्र के छह यातायात अधीक्षकों चक्कर, लक्ष्मण सिंह, अशोक सागर, आयुष भट्नागर, हेमन्त मिश्रा तथा आरसी यादव (निलंबित)
  • तीन नियमित कर्मचारी मनोज कुमार, मेघ सिंह तथा देवेन्द्र सिंह। (निलंबित)
  • इसके अलावा 51 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया।