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एक भगौना भोजनः मास्टरों और कार्यकत्रियों में होगी रार, पढ़ाई चौपट

कैबिनेट ने लिया फैसला, अब अलग-अलग नहीं बनेगा आंगनबाड़ी और स्कूलों का मिड-डे मील 

लखनऊः  यूपी सरकार कैबिनेट ने एक चौंकाने वाला फैसला किया है। अब मिड-डे मील और आंगबाड़ी में आने वाले नौनिहालों का भोजन एक ही भगौने में पकेगा। यानी अबतक दोनों का भोजन अलग-अलग व्यवस्था के तहत पकता था और अलग-अलग ही जिम्मेदारियां तय थीं लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

स्कूल के मिड-डे मील के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का भोजन भी पकेगा। इसका फैसला सरकार ने ले लिया है। इतना ही नहीं इस संबंध में यूपी कैबिनेट ने एक भगौने में भोजन का प्रस्ताव भी पास कर दिया है। ऐसे में लाजमी है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और स्कूल के मास्टरों में रार होना तय है।

बड़े बच्चों से ज्यादा न्यूट्रिशन फूड की जरूरत रखते हैं छोटे बच्चे, एक साथ भोजन संभव नहीं 

 दरअसल, एक भगौने में दोनों के भोजन बवाने का बिल पास करते हुए भले ही यूपी सरकार ने कम संसाधनों में बेहतर खाने की व्यवस्था की मंशा रखी हो लेकिन व्यवहारिक रूप से इसमें कई दिक्कतें भी हैं जैसे छोटे और बड़े बच्चों के भोजन का अलग मीनू।

मिड-डे मील के भोजन में बड़ों बच्चों की व्यवस्था होती है जिनको उतने ज्यादा पौष्टिक खाने की जरूरत नहीं होती है जितना की छोटे बच्चों को। क्योंकि आंगनबाड़ी में 3 से 6 साल के बच्चों के लिए खाने की व्यवस्था होती है जिसमें ज्यादा न्यूट्रिशन की जरूरत होती है।

ऐसे में दोनों ऐज ग्रुप के बच्चों का एक भगौने में भोजन से कई विसंगतियां पैदा हो जाएंगी। खुद शिक्षक और कार्यकत्रियां भी इस फैसले को सही नहीं ठहरा रहे हैं।

स्कूलों के बंद होने पर कैसे मिलेगा आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना 

सरकार ने फैसला लिया है कि आंगनबाड़ी में अलग खाना नहीं बनेगा। बल्कि स्कूल के मिड-डे मील के साथ ही बनेगा। लेकिन जब स्कूल बंद हो जाएंगे तो आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए खाना कहां बनेगा। कार्यकत्रियों के सामने एक नई समस्या पैदा हो जाएगी। कई और समस्याएं हैं जो दोनों के बीच रार की वजह बनेगी। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई पर इसका बुरा असर पड़ने की पूरी-पूरी आशंका है। कई पुराने शिक्षकों ने इस फैसले को अव्यवहारिक बताया।