समरनीति न्यूज, बांदाः बांदा में शिक्षा विभाग में फैली अव्यवस्था से एक शिक्षिका इस कदर तंग आ गईं कि उन्होंने आत्मदाह की ठान ली। हाथ में पेट्रोल भरी केन लेकर लाॅकडाउन के बीच आत्मदाह करने कलेक्ट्रेट जा पहुंचीं। इससे वहां हड़कंप मच गया। यह महिला शिक्षिका बीते दो-माह से वेतन न मिलने की वजह से परेशान थीं। घटनाक्रम ने शिक्षा विभाग की अव्यवस्था उजागर की तो साथ ही पुलिस और प्रशासन की उस चौकसी के दावों की पोल खोल दी, जो लाॅकडाउन को लेकर किए जा रहे हैं। गनीमत रही कि वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने समय रहते शिक्षिका को देख लिया। इसके बाद उनको रोकते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को सूचित किया। इसके बाद यह अनहोनी टल सकी।
डीआईओएस ने पहुंचकर समझाया
बताते हैं कि जिले के चहितारा गांव में हाईस्कूल विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापिका रोशनी त्रिपाठी बुधवार दोपहर हाथ में पेट्रोल से भरी केन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचीं। वहां जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जाकर बैठ गईं। वह काफी तनाव में लग रही थीं। कलेक्ट्रेट में मौजूद पुलिस कर्मियों ने पेट्रोल भरी केन के साथ उनको देखा तो शंका हुई। उन्होंने शिक्षिका से बात की तो महिला ने पूरी बात बताते हुए आत्मदाह करने की बात कही।
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सुरक्षा कर्मियों ने समझदारी दिखाई। तत्काल डीआईओएस कार्यालय को इस पूरे मामले से अवगत कराया। उधर, जब जिला विद्यालय निरीक्षक विनोद सिंह को पता चला तो वह आनन-फानन में कलेक्ट्रेट पहुंचे। शिक्षिका ने डीआईओएस को बताया कि दो माह से उनका वेतन नहीं मिला है, परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उपर से बाबू न तो सही बात बताता है और पूछने पर उनका फोन ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है। डीआईओएस विनोद सिंह ने महिला शिक्षिका को समझाकर आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी समस्या का समाधान कराएंगे। साथ ही बाबू के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे। इसके बाद महिला को किसी तरह समझाकर वहां से भेजा गया।
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