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बांदा में आती हुई गर्मी संग पैर पसार रहीं मौसमी बीमारियां, डेढ़ दर्जन मरीज भर्ती, पढ़िए- डाक्टर की सलाह

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, बांदाः जैसे-जैसे मौसम बदल रहा है, गर्मी बढ़ रही है। उसी रफ्तार से डायरिया जैसी मौसमी बीमारियों के मरीज भी बढ़ते जा रहे हैं। बांदा में जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज में अब तक लगभग डेढ़ दर्जन मरीज डायरिया के भर्ती हो चुके हैं। जिले में बढ़ते तापमान के साथ मौसमी बीमारियां पैर पसार रही हैं। वायरल फीवर और डायरिया ने लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। बड़े ही नहीं बच्चे भी इन बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। बच्चों को भी वायरल इंफेक्शन और डायरिया अपनी चपेट में ले रहा है।

शुक्रवार को जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के नाम

आज बड़ी संख्या में मरीजों को डायरिया और दूसरी मौसमी बीमारी के बाद जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन मरीजों में बिजली खेड़ा निवासी शिवशंकर (44), अलीगंज निवासी आयुष (3), छेहरांव निवासी अंशू (5), छाबी तालाब निवासी बबुलिया (50), छनेहरा निवासी किस्मतुन (35), खाईंपार निवासी किरन (45), रेलवे कालोनी निवासी संगीता (22), बलखंडी नाका निवासी राशि (15), डिग्गी चैराहा निवासी शोएब (12), कालू कुआं निवासी अजय (45), आवास विकास निवासी अनिल (42), परशुराम तालाब निवासी राजाबाई (65), कालू कुआं निवासी दुर्गा (65), क्योटरा निवासी राकेश (50), बिजलीखेड़ा निवासी जवाहर लाल (50), मोहन पुरवा निवासी माया देवी (45) शामिल हैं।

डा. जे.विक्रम।

क्या कहते हैं डाक्टर और क्या है उनकी सलाह 

शहर के जाने-माने डाक्टर जे. विक्रम का कहना है कि मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। गर्मी बढ़ गई है। इसलिए बड़े अपने साथ अपने बच्चों का भी खास ख्याल रखें। घर में कूलर और एसी से एकदम से बच्चों को बाहर लेकर न जाएं। इससे बच्चों का शरीर मौसम के बदलाव को सहन नहीं कर पाता है।

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डाक्टर विक्रम बताते हैं कि बच्चों को सीधे एसी या कूलर में न जाने दें। वह कहते हैं कि इस वक्त डायरिया, वायरल इंफेक्शन और अन्य मौसमी बीमारियां असर कर रही हैं। इसलिए बच्चों का खास ख्याल रखें, क्योंकि बच्चे साफ्ट टारगेट होते हैं। डाक्टर कहते हैं कि बच्चों का ख्याल रखने के साथ बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल कुछ उपाए भी घर पर ही शुरू कर देने चाहिए।

डाक्टर के सुझाव 

  • बच्चे को उल्टियां और दस्त हों तो उसे तुरंत ओआरएस का घोल दें, ताकि बच्चे के शरीर में पानी की कमी न हो। इसके बाद जल्द से जल्द पास के डाक्टर को दिखाएं।
  • बुखार और खांसी जैसी बीमारी में बच्चों को गांव-देहात में झाड़-फूंक के चक्कर में न पड़ें, बल्कि उनको तुरंत पास के डाक्टर को दिखाएं और उसका इलाज कराएं।
  • अगर बुखार तेज है और रात के वक्त गांव से डाक्टर दूर है तो प्रारंभिक इलाज के तौर पर बच्चे या बड़े के सिर पर पट्टी रखकर भी बुखार को थोड़ा काबू में किया जा सकता है लेकिन इसके बाद जल्द से जल्द डाक्टर को दिखाना जरूरी है।

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