Wednesday, May 1सही समय पर सच्ची खबर...

बसपा सुप्रीमो मायावती को मिला अभय के रूप में नया भाई !

समरनीति न्यूज, लखनऊ: भाई बनाने और बहन बनने को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती कभी पीछे नहीं रहीं। बल्कि इस रिश्ते को लेकर बसपा सुप्रीमो ने अपनी ओर से कोई कमी भी नहीं छोड़ी। यही वजह है कि राजनीति में मायावती और उनके भाइयों को लेकर एक चर्चा हमेशा रही है।

हरियाणा के नेता अभय चौटाला को राखी बांधतीं बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

फिर चाहे बात लालजी टंडन की हो या मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं को मायावती के राखी बांधने की। अब इस रक्षाबंधन पर बसपा सुप्रीमों को एक नया भाई मिल गया है। बताते हैं कि इस रक्षा बंधन बसपा प्रमुख मायावती ने हरियाणा पहुंचकर अभय चौटाला को राखी बांधी। मायावती के इस कदम से हर कोई हैरान रह गया।

हरियाणा में माया ने इनैलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के बेटे अभय को बांधी राखी 

दरअसल, अभय चौटाला इंडियन नैशनल लोकदल (इनैलो) प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के बेटे हैं। मायावती ने ऐसा करके दूसरी पार्टियों के धुरंदरों को भी साफ संकेत दे दिया है कि हरियाणा में भी बसपा आने वाले चुनावों में मजबूती के साथ टक्कर देने को तैयार है। इसके लिए हरियाणा में इनैलो के साथ उनका गठबंधन हो सकता है।

ये भी पढ़ेंः माया के एक तीर से 2019 लोकसभा में सधेंगे कई निशाने 

डेढ़ दशक से सत्ता से बाहर इनैलो को जाटों का समर्थन प्राप्त है ऐसे में दलित वोट बैंक के जरिये बसपा सुप्रीमो मायावती सत्ता में उसकी वापसी करा सकती हैं क्योंकि हरियाणा में एससी/एसटी मतों का लगभग 19 प्रतिशत वोट अकेले वाल्मीकी समाज के पास है। ऐसे में जाट और दलित वोटबैंक सत्ता का रास्ता साफ कर सकता है।

मायावती को हरियाणा से लोकसभा में अपना खाता खुलने की भी पूरी उम्मीद है साथ ही यूपी के चुनाव में वह चौटाला परिवार की मदद ले सकती हैं क्योंकि पश्चिमी यूपी में जाटों का समर्थन माया की जीत के लिए बेहद जरूरी और कारगर साबित होगा।

मायावती के भाइयों में लालजी टंडन, मुरली मनोहर और ब्रह्मदत्त दिवेदी भी शामिल   

भाजपा नेता लाल जी टंडन को राखी बांधतीं बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

22 अगस्त 2002 को मायावती ने भाजपा के उस वक्त के कद्दावर नेता लाल जी टंडन को चांदी की राखी बांधी थी। हांलाकि भाई-बहन का यह रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं टिका। अगले साल लाल जी टंडन की कलाई पर मायावती की राखी नहीं बंधी। क्योंकि बहन जी अगले ही साल अपने इस भाई को राखी बांधने नहीं गई थीं।

ये भी पढ़ेंः सीएम योगी ने दीं भदोही को कई सौगात, सपा-बसपा पर बरसे

वजह चाहे जो भी रही हो लेकिन उस समय यह घटनाक्रम खूब चर्चा में रहा था। इसी तरह ब्रह्मदत्त दिववेदी को मायावती ने अपना भाई माना था और बहुत हद तक बहन जी ने यह रिश्ता निभाया भी। भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी को भी मायावती ने राखी बांधी थी जिन्होंने मायावती को सपा के गुंडों से बचाया था।