समरनीति न्यूज, लखनऊ : माफिया डान मुख्तार अंसारी वाली उत्तर प्रदेश की सबसे संवेदनशील जेलों में एक बांदा जेल में एक बेहद बड़ी चूक सामने आई है। शासन ने बांदा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक वीरेश राज शर्मा से स्पष्टीकरण तलब करते हुए 3 दिन में जबाव मांगा है। दरअसल, पूरा मामला बांदा जेल अधीक्षक द्वारा उच्चाधिकारियों से बिना अनुमति लिए मुख्यालय छोड़ने का है। यह बेहद संवेदनशील मामला है। ऐसे में कोई बड़ी घटना भी हो सकती है। जेल के उच्चाधिकारियों ने भी इसे गंभीरता से लिया है।
जेल डीआईजी ने मांगा 3 दिन में स्पष्टीकरण
शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि संवेदनशील जेल बांदा में कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी बंद है, इसलिए बिना अनुमति कोई भी जेल अधीक्षक/वरिष्ठ जेल अधीक्षक या प्रभारी अधीक्षक मुख्यालय नहीं छोड़ सकता। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बांदा जेल अधीक्षक द्वारा बीती 31 अक्टूबर को बिना उच्चाधिकारियों से अनुमति प्राप्त किए अपना चार्ज कारापाल को सौंपकर प्रयागराज के लिए
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प्रस्थान कर गए थे। प्रयागराज परिक्षेत्र के डीआईजी जेल राजेश कुमार श्रीवास्तव ने इसका संज्ञान लेते हुए बड़ी चूक माना है। साथ ही बांदा के जेल अधीक्षक श्री शर्मा से 3 दिन में स्प्ष्टीकरण तलब किया है। डीआईजी जेल ने कहा है कि अगर स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है तो मामला जेल मुख्यालय को भेज दिया जाएगा। बताते चलें कि बांदा जेल उत्तर प्रदेश की
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बेहद संवेदनशील जेलों में से एक है। इस जेल में माफिया डान मुख्तार अंसारी बंद है। ऐसे में शासन ने चौकसी और सुरक्षा को लेकर बेहद सख्त आदेश दे रखे हैं। शासन का स्पष्ट आदेश है कि बिना अनुमति जिला जेल के उच्चाधिकारी मुख्यालय यानि जेल स्टेशन नहीं छोड़ सकते हैं। ऐसे में यह मामला काफी बड़ी चूक है, क्यों कि उच्चाधिकारी के स्टेशन पर बिना बताए न रहने पर कोई बड़ी घटना भी हो सकती है।
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