समरनीति न्यूज, बांदा : खनिज संपदा बालू और गिट्टी से समृद्ध बुंदेलखंड के बांदा में जिला पंचायत से जुड़े एक टेंडर इस समय काफी चर्चा में है। टेंडर से ज्यादा उसका बार-बार कैंसल होना चर्चा का विषय बना है। दरअसल, दो बार आनलाइन यह टेंडर जारी हो चुका है, लेकिन कोई आवेदन करने आगे नहीं आया। यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। जिला पंचायत से होने वाले खनिज तहबाजारी के इस करोड़ों के टेंडर ने नई चर्चा छेड़ दी हैं। जिला पंचायत दो बार निविदाएं जारी कर चुका है, दोनों बार कैंसल हो गईं। अब तीसरी बार जिला पंचायत ने इसकी तारीख 14 मार्च लगाई है। सवाल यह है कि क्या सचमुच बांदा में खनिज संपदा से मोटे मुनाफे वाले टेंडर को लेने के लिए कोई इच्छुक नहीं है। या फिर पर्दे के पीछे से कोई गेम खेला जा रहा है।
जिसके लिए मचती थी खींचतान, अब सन्नाटा क्यों..
कुछ खास जानकारों का तो यह भी कहना है कि बीते वर्ष भी ऐसा ही हुआ था। तब कुछ खास लोगों के हिस्से में यह ठेका आया था। हालांकि, पूरी प्रक्रिया आनलाइन है। फिर भी परिस्थितियां जिम्मेदारों की नियत पर सवाल उठा रही हैं।
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कहा जाता है कि एक समय था जब इस ठेके के लिए बांदा में ठेकेदारों के बीच काफी प्रतिस्पर्धा रहती थी। तहबाजारी से कई ठेकेदारों की किस्मत चमकी।तब ठेका लेने के लिए खूब खींचतान मचती थी, इधर दो साल से चीजें बदली हैं। पर्दे के पीछे क्या चल रहा है, इसे लेकर सबकी निगाहें गढ़ी हैं।
सभी हैरान हैं कि करोड़ों के इस ठेके के लिए कोई ठेकेदार अबतक सामने क्यों नहीं आया। जिला पंचायत के एएमओ खुद मानते हैं कि 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए दो बार जिला पंचायत से निविदाएं जारी होने के बाद निरस्त हो चुकी हैं। किसी ने आवेदन ही नहीं किया।
अधिकारी भी मजबूर, कोई आ नहीं रहा तो करें क्या
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी शैलेंद्र सिंह चौहान से इस बारे में बात की गई। उन्होंने बताया कि दो बार निविदाएं कैंसल हो चुकी हैं अबकी बार फिर नई तारीख 14 मार्च लगाई गई है, जो भी आवेदन आएगा नियमानुसार प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि आनलाइन प्रक्रिया में कोई भी व्यक्ति आवेदन कर सकता है।
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